बार-बार बदला बयान, सख्ती में कबूल किया जुर्म
पुलिस के समक्ष दीपक बार-बार बयान बदलता रहा। इससे संदेह पर सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल लिया। पुलिस ने दीपक के बयान के आधार पर उसकी मां का शव घर के बॉथरूम की दीवार से बरामद किया। कोर्ट ने मामले में एक साल के भीतर ही फैसला सुनाते हुए बेटे को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
फैसले में चार धर्मग्रंथों का उल्लेख किया
कुरान: (सुर अल इसरा आयत २३ में लिखा है) तुम्हारे रब ने हुक्म दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत न करो और अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करो। यदि वे बुढ़ापे में तुम्हारे पास हों, तो उन्हें उफ तक मत कहो और शिष्टाचार से बात करो। बाइबिल: (संत मैथी अध्याय 15 वाक्य संख्या 4) माता-पिता का अपमान प्राणदंड योग्य अपराध है- जो अपने माता या पिता को मारे या श्राप दे, व निश्चय ही मृत्यु का भागी है। रामचरित मानस:
सुनु जननी सोई सुतु बड़भागी। जो पितु मातु वचन अनुरागी।। तनय मातु पितु तोषनिहारा। दुर्लभ जननी सकल संसारा।। गुरुग्रंथ साहिब: मात-पिता की सेवा करही, अपना गति भित्ती जाणी।
वीर बिना कुल कैसे चले, मात-पिता को राखी करे।।
दंपती ने अनाथ आलय से दीपक को लिया था गोद, लालच में भूल गया कर्ज
पुलिस के अनुसार, ग्वालियर के एक अनाथालय से दीपक को उषा और पति भुवनेंद्र पचौरी गोद लिए थे। वन विभाग से वनपाल के रूप में रिटायर्ड पिता का 2021 में निधन हुआ। पिता की एफडी का 16.85 लाख रुपए दीपक को मिला। उसने सारी रकम शेयर बाजार और शौक में फूंक दिए। फिर मां ऊषा के खाते में जमा 32 लाख पर नजर जमा ली। इस एफडी में भी वही नॉमिनी था। मां की मौत के बाद यह सारी रकम उसे ही मिलती। इसी लालच में उसने 6 मई 2024 की सुबह तुलसी में पानी देने के लिए जीना चढ़ रही मां को पहले धक्का देकर गिराया। फिर लोहे की रॉड से सिर पर3-4 वार किए। इसके बाद आखिरी सांस ले रही मां को उसकी ही साड़ी से गला दबाकर मार डाला। हत्या के बाद दरिंदे बेटे ने घर के जीने के नीचे बने बाथरूम के अंदर मां के शव को कंक्रीट से चुन दिया था।