मरीजों के अनुसार होता है भोजन वितरण
प्रबंधन ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के अनुसार भोजन दिया जाता है, इसी के अनुसार टेंडर भी हुआ है। सुबह व शाम प्रत्येक वार्ड इंचार्ज के माध्यम से मरीजों की संख्या भेजी जाती है, उसी के अनुसार खाना का वितरण किया जाता है। ठेका कंपनी को सप्ताह के अलग-अलग दिन मेन्यू के अनुसार भोजन वितरण करने के निर्देश हैं। इसके साथ ही सुबह व शाम का नाश्ता भी दिया जाना है। प्रसूति महिलाओं को लड्डू देने का भी प्रावधान है।इस प्रकार निर्धारित है समय सारणी
अस्पताल मेंं भर्ती मरीजों को चाय नाश्ता व भोजन दिए जाने के लिए समय-सीमा निर्धारित है। सुबह 7 से 7.30 बजे के बीच, चाय व बिस्किट। 9 से 9.30 बजे दूध, पोहा या उपमा और केला, दोहपर का भोजन 1.30 से 2 बजे केे बीच दिया जाना है, जिसमें सलाद, रोटी, हरी सब्जी, दाल, नमकीन वाली दलिया, शाम 3.30 से 4.30 के बीच चाय बिस्किट एवं रात्रि भोजन में रोटी, हरी सब्जी, दाल एवं दूध दिया जाना अनिवार्य है। ठेका कंपनी मरीजों को हरी सब्जी के नाम पर कद्दू व लौकी खिला रही है। इसके साथ ही दूध व चाय बिस्किट वितरण में कटौती कर रही है।पोषण आहार से परिजन नाखुश
बीते सप्ताह जिला अस्पताल के एनआरसी में भर्ती इशांत ङ्क्षसह के परिजन ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वह बच्चे को 6 दिन से भर्ती किए हुए हैं। जिस उम्मीद से एनआरसी लाया गया है इसके ठीक विपरीत स्थिति यहां देखने को मिल रही है। समय पर नाश्ता भोजन नहीं मिलने से दोपहर तक बच्चे भूखे रहते हैं। घर से भोजन मंगा कर देना पड़ता है। यहां आने से बच्चे के ग्रोथ पर भी खास असर नहीं पड़ता। इसी प्रकार वासू जायसवाल 1 वर्ष के परिजनों ने बताया कि यहां आने से समस्या और बढ़ जाती है, खाने पीने को लेकर भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कामकाज भी प्रभावित होता है।बूटी बैगा, मरीज के परिजन
संगीता सिंह, मरीज के परिजन
वर्जन
अस्पताल में मरीजों को दिए जा रहे खाने की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर की जाती है। मरीजों को अगर एक ही प्रकार की सब्जी परोसी जा रही तो इसकी जांच कराई जाएगी। एनआरसी में बच्चों को सुविधाएं मिलती हैं।
डॉ. शिल्पी सराफ, सिविल सर्जन