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शहडोल

जिला अस्पताल में एक सप्ताह से मरीजों को परोसी जा रही कद्दू-लौकी की सब्जी

कुपोषित बच्चों के साथ मरीजों के आहार व चाय-नाश्ता में भी की जा रही कटौती

शहडोलMay 17, 2025 / 11:48 am

Kamlesh Rajak

कुपोषित बच्चों के साथ मरीजों के आहार व चाय-नाश्ता में भी की जा रही कटौती
शहडोल. जिला अस्पताल में मरीजों को पोषण आहार के नाम पर बीते एक सप्ताह से सिर्फ कद्दू की सब्जी व लौकी ही परोसी जा रही है। मौसमी सब्जी के नाम पर लौकी, कद्दू खा खाकर मरीज ऊब चुके हैं। जिला अस्पताल में सभी मरीजों को एक समान ही खाना दिया जा रहा है। मरीजों की माने तो कभी थाली से सलाद गायब रहती है तो कभी चाय नाश्ते में भी कटौती कर ली जाती है। जबकि अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि खाने की गुणवत्ता की समय-समय पर जांच की जाती है। वहीं मरीजों से भी फीड बैक लिया जाता है।

मरीजों के अनुसार होता है भोजन वितरण

प्रबंधन ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के अनुसार भोजन दिया जाता है, इसी के अनुसार टेंडर भी हुआ है। सुबह व शाम प्रत्येक वार्ड इंचार्ज के माध्यम से मरीजों की संख्या भेजी जाती है, उसी के अनुसार खाना का वितरण किया जाता है। ठेका कंपनी को सप्ताह के अलग-अलग दिन मेन्यू के अनुसार भोजन वितरण करने के निर्देश हैं। इसके साथ ही सुबह व शाम का नाश्ता भी दिया जाना है। प्रसूति महिलाओं को लड्डू देने का भी प्रावधान है।

इस प्रकार निर्धारित है समय सारणी

अस्पताल मेंं भर्ती मरीजों को चाय नाश्ता व भोजन दिए जाने के लिए समय-सीमा निर्धारित है। सुबह 7 से 7.30 बजे के बीच, चाय व बिस्किट। 9 से 9.30 बजे दूध, पोहा या उपमा और केला, दोहपर का भोजन 1.30 से 2 बजे केे बीच दिया जाना है, जिसमें सलाद, रोटी, हरी सब्जी, दाल, नमकीन वाली दलिया, शाम 3.30 से 4.30 के बीच चाय बिस्किट एवं रात्रि भोजन में रोटी, हरी सब्जी, दाल एवं दूध दिया जाना अनिवार्य है। ठेका कंपनी मरीजों को हरी सब्जी के नाम पर कद्दू व लौकी खिला रही है। इसके साथ ही दूध व चाय बिस्किट वितरण में कटौती कर रही है।

पोषण आहार से परिजन नाखुश

बीते सप्ताह जिला अस्पताल के एनआरसी में भर्ती इशांत ङ्क्षसह के परिजन ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वह बच्चे को 6 दिन से भर्ती किए हुए हैं। जिस उम्मीद से एनआरसी लाया गया है इसके ठीक विपरीत स्थिति यहां देखने को मिल रही है। समय पर नाश्ता भोजन नहीं मिलने से दोपहर तक बच्चे भूखे रहते हैं। घर से भोजन मंगा कर देना पड़ता है। यहां आने से बच्चे के ग्रोथ पर भी खास असर नहीं पड़ता। इसी प्रकार वासू जायसवाल 1 वर्ष के परिजनों ने बताया कि यहां आने से समस्या और बढ़ जाती है, खाने पीने को लेकर भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कामकाज भी प्रभावित होता है।
अस्पताल के महिला वार्ड में अपनी बेटी को इलाज के लिए भर्ती कराया है। तीन दिनों से भर्ती है, अस्पताल में सब्जी के नाम पर कद्दू व लौकी ही दिया जाता है। नाश्ता भी समय पर नहीं मिलता।
बूटी बैगा, मरीज के परिजन
बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराया है। यहां खाने की सुविधा अच्छी नहीं होने के कारण घर से खाना मंगाना पड़ता है। बच्चे का वजन 7.5 किग्रा. था। भर्ती के बाद 2.5 ग्राम कम हो गया है।
संगीता सिंह, मरीज के परिजन
वर्जन
अस्पताल में मरीजों को दिए जा रहे खाने की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर की जाती है। मरीजों को अगर एक ही प्रकार की सब्जी परोसी जा रही तो इसकी जांच कराई जाएगी। एनआरसी में बच्चों को सुविधाएं मिलती हैं।
डॉ. शिल्पी सराफ, सिविल सर्जन

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