रविवार को छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन में एक वैकल्पिक इंजन होने से पातालकोट सुपरफास्ट एक्सप्रेस का परिचालन बहुत अधिक प्रभावित नहीं हुआ। हालांकि अगर यह व्यवस्था नहीं होती तो स्टेशन प्रबंधन को नागपुर या फिर आमला से दूसरा इंजन मंगाना पड़ता। जिसकी वजह से ट्रेन कम से कम पांच घंटे स्टेशन पर ही खड़ी रहती।
पातालकोट सुपरफास्ट एक्सप्रेस में जनरल एवं स्लीपर बोगी में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भीषण गर्मी से बुरा हाल हो रहा है। तेज धूप से पंखा भी आग उगल रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन किसी स्टेशन पर आधे घंटे भी खड़ी हो जा रही है तो बैठना मुश्किल हो रहा है। पेन्ट्री कार की भी सुविधा ट्रेन में नहीं है।
पातालकोट सुपरफास्ट एक्सप्रेस का इंजन दो जून को भी सिवनी रेलवे स्टेशन में फेल हो गया था। जिसकी वजह से यह ट्रेन पांच घंटे तक सिवनी रेलवे स्टेशन में खड़ी रही। इंजन में आई खराबी को सुधारने का काफी प्रयास कर्मचारियों ने किया। पहले इंजन में हो रही पॉवर सप्लाई को कट किया गया, उसके बाद इंजन के ऊपर चढकऱ जांच की गई। इंजन में ऊपर लगे कनेक्टर में पेड़ की लकड़ी के कुछ टुकड़े फंसे हुए पाए गए। इसके कारण कनेक्टर सही ढंग से काम नहीं कर रहा था और विद्युत सप्लाई ब्रेक हो रही थी। तक कनेक्टर से लकड़ी के टुकड़े निकाले गए। हालांकि छिंदवाड़ा से दूसरा इंजन आने पर ट्रेन को सुबह 8.20 की जगह दोपहर 1.27 बजे रवाना किया गया था।