डीएनए जांच के लिए भेजा सैंपल
रणथम्भौर दुर्ग में चौकीदार पर हमला करने वाले टाइगर की पुष्टि के लिए वन विभाग ने मृतक राधेश्याम सैनी के शरीर मिले टाइगर के बाल को डीएनए जांच के लिए भिजवाया है। वन विभाग के अनुसार डीएनए जांच के बाद ही हमलावर बाघ अथवा बाघिन की पुष्टि हो पाएगी। हालांकि चौकीदार राधेश्याम सैनी पर भी एरोहैड के सब एडल्ट मेल शावक के ही हमला करने की संभावना जताई जा रही है।ठंडा मौसम देखते हुए रात में की शिफ्टिंग
वन विभाग के अनुसार वर्तमान में चल रही भीषण गर्मी के चलते देर रात सब एडल्ट मेल शावक को शिफ्ट करने का निर्णय लिया। जानकारी के अनुसार कई बार शिफ्टिंग के समय मौसम अनुकूल नहीं होने से टाइगर को परेशानी आती है। ऐसे में रणथम्भौर से एक विशेष टीम तीन वाहनों से देर रात सब एडल्ट शावक को करौली के एनक्लोजर में लेकर गई। यहां रात करीब 3 बजे शिफ्टिंग का काम पूरा किया गया।दो फीमेल शावकों की शिफ्टिंग बाकी
वन विभाग ने फिलहाल एरोहैड के एक मेल सब एडल्ट शावक की शिफ्टिंग कर दी है, लेकिन एरोहैड के दो फीमेल सब एडल्ट शावक की शिफ्टिंग होना बाकी है। दो फीमेल सब एडल्ट शावकों में से एक कनकटी बाघिन फिलहाल रणथम्भौर के भिड एनक्लोजर में है। इस बाघिन को रेंजर पर हमला करने के बाद ही एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया था।इनका कहना है
एनटीसीए से बाघिन टी-84 यानि एरोहैड के तीनों सब एडल्ट शावकों की शिफ्टिंग की अनुमति मिल गई है। रात में ठंडक देखते हुए एक मेल सब एडल्ट शावक को करौली-धौलपुर टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया है। दो की भी शिफ्टिंग जल्द की जाएगी।अनूप के आर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना