सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर दुर्ग में बाघ-बाघिन के मूवमेंट को रोकने एवं दुर्ग में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 66 लाख की लागत से दुर्ग की क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार का निर्माण होगा। रणथम्भौर दुर्ग में टाइगर के मूवमेंट एवं पिछले डेढ़ माह में हुए तीन हमलों के बाद अब सरकार ने सुध ली है।
बता दें कि सुरक्षा दीवार के निर्माण में कोताही को लेकर राजस्थान पत्रिका ने बाघ के हमले से पहले 9 जून के अंक में ‘दीवार दुरुस्त नहीं करा रहा एएसआइ, रणथम्भौर दुर्ग में आ रहे बाघ-बाघिन’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। 9 जून को ही सुबह बाघ के हमले में दुर्ग के मंदिर पर नियुक्त चौकीदार की मौत की खबर सामने आई थी।
जैन मंदिर में चौकीदार की मौत के बाद धरने पर बैठे ग्रामीणों ने भी रणथम्भौर दुर्ग की क्षतिग्रस्त दीवार को ठीक कराने की मांग प्रशासन के समक्ष रखी थी। इस दौरान प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर समझाइश कराने आए गंगापुरसिटी एडीएम ने इस बात का आश्वासन दिया था कि रणथम्भौर की क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार के लिए 66 लाख का बजट स्वीकृत हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह कार्य 18 जून तक शुरू हो जाएगा। दुर्ग की क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत नहीं होने के कारण बाघ सहित अनेक जंगली पशुओं के मानव पर हमले बढ़ने लगे थे। दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही थी।
सुरक्षा दीवार बनाने के लिए 66 लाख रुपए का टेंडर लगा दिया गया है। 17 जून को यह टेंडर खोला जाएगा। इसमें दुर्ग में परकोटा की क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत का कार्य होगा। -आरके मीणा, एडीएम, गंगापुरसिटी
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