मिली जानकारी के अनुसार विष्णु कुमार की शादी बीस अप्रेल को एमपी के खंडवा में रहने वाली अनुराधा से हुई। इससे पहले दलाल पप्पू मीणा ने विष्णु और अनुराधा की मुलाकात कराई थी। अनुराधा ने बताया था कि पिता की मौत हो चुकी है। बड़ी बहन की शादी हो गई है और छोटा भाई अविवाहित है। पप्पू ने अनुराधा के अलावा और भी कई युवतियों की फोटो विष्णु को बताई थी, लेकिन उसे अनुराधा पसंद आई।
पप्पू ने बताया कि परिवार को कुछ रुपये देने होंगे। दो लाख विष्णु ने पप्पू मीणा को दिए फिर शादी करा दी गई। शादी प्रेम विवाह था जो मंदिर में कराया गया और बाद में इसे रजिस्टर्ड भी कराया गया। 20 अप्रेल को शादी हुई और दो सप्ताह तक सब कुछ सही से चलता रहा। परिवार खुश था कि बहू संस्कारी है। लेकिन 3 मई की रात बहू ने सभी के लिए खाना बनाया और उसमें नींद की दवा मिला दी। पूरा परिवार सोता ही रह गया। सवेरे पता चला कि करीब एक लाख पचास हजार रुपए के जेवर, तीस हजार कैश और महंगा मोबाइल फोन चोरी हो चुका था।
विष्णु ने पुलिस को बताया कि वह दलाल के चक्कर में इसलिए पड़ा क्योंकि उसकी शादी नहीं हो रहा था। पप्पू ने कहा था कि धोखाधड़ी नहीं होगी, लेकिन अनुराधा ने धोखा दिया। विष्णु ने पुलिस को बताया कि फोन भी कुछ दिन पहले अपने दोस्त से खरीदा था। सब कुछ सही चल रहा था। विष्णु ने पप्पू को जो दो लाख रुपए दिए थे वे भी किसी से कर्ज लेकर दिए थे। लेकिन अब सब कुछ बर्बाद हो गया।