सतना। तबादलों पर से हटे प्रतिबंध के बाद अब राजनीतिक तबादलों को लेकर जिले के अधिकारियों कर्मचारियों का फैसला चित्रकूट में होगा। 25 मई को जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजय वर्गीय चित्रकूट में प्रबंध समिति की बैठक लेंगे, जिसमें तबादलों पर निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में जिलाध्यक्ष भाजपा, राज्यमंत्री, सांसद, सभी विधायक, महापौर, भाजपा संगठन के जिला और संभाग प्रभारी सहित जिले में निवासरत अन्य जिले के प्रभारी मौजूद रहेंगे। जानकारी के अनुसार तबादलों को लेकर जिले के प्रभारी मंत्री 25 और 26 मई को सतना जिले के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान 25 मई को चित्रकूट में प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में प्रबंध समिति के सदस्य जिलाध्यक्ष के माध्यम से अपने पास आए तबादलों के आवेदनों को प्रभारी मंत्री के समक्ष रखेंगे। इन नामों पर सामूहिक रूप से निर्णय लिया जाएगा। किस अधिकारी कर्मचारी को हटाना है या रोकना है या लाना है आदि पर चर्चा की जाएगी। अगर किसी पर कोई आपत्ति किसी सदस्य को होगी तो उस पर भी चर्चा होगी। इसके बाद प्रभारी मंत्री द्वारा सूची फाइनल होने पर कलेक्टर को सौंपी जाएगी। जिसके आधार पर प्रशासनिक परीक्षण उपरांत तबादला सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रभारी मंत्री करेंगे विकास कार्यों की समीक्षा दो दिवसीय दौरे में चित्रकूट प्रवास के दौरान प्रभारी मंत्री यहां चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे और आवश्यक होने पर कुछ निर्माण कार्यों का अवलोकन भी करेंगे। इसे लेकर कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने गुरुवार को चित्रकूट में विकास कार्यों की समीक्षा की। बताया गया कि चित्रकूट मुख्य मार्ग के लेइंग का काम शीघ्र प्रारंभ होगा। पोल शिफ्टिंग का काम अंतिम दौर में है। नालियों का काम भी लगभग पूरा होने को है। इस दौरान विकास कार्यों में शामिल होने से वंचित रह गई कुछ सड़कों को शामिल करने के निर्देश दिए गए। रजौला बाईपास से शुरू होने वाले मुख्य मार्ग को यूपी तक शामिल होने में लगभग डेढ़ किलोमीटर की लंबाई कम हो रही है। उसका अलग से प्रस्ताव तैयार करने कहा गया। बैठक में एसीडीएम सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जारी की सचिवों की तबादला नीति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सचिवों के तबादले की नीति जारी कर दी है। जिले के अंदर सचिवों का तबादला कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जाएगा। उधर सचिवों के तबादले को लेकर सिफारिशों का भी दौर प्रारंभ हो गया है। इसे लेकर जिपं सीईओ के पास सिफारिशों की सूचियां पहुंचनी शुरू हो गई हैं। ऐसी ही एक सूची संचालनालय से पहुंची है जिसमें 27 सचिवों के नाम शामिल हैं।
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर करेंगे तबादले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय ने 21 मई को ग्राम पंचायत सचिव के स्थानान्तरण की नीति जारी कर दी है। इसमें जिले के भीतर तबादलों को लेकर कहा गया है कि 1 मई से 30 मई तक अथवा स्थानान्तरण के प्रतिबंध को जब भी शिथिल किया जाएगा कलेक्टर सचिवों का तबादला कर सकेंगे। लेकिन इसके लिए उन्हें प्रभारी मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। तबादला आदेश जिपं सीईओ के हस्ताक्षर से जारी होंगे।
10 साल से पदस्थ सचिवों पर लटकी तबादले की तलवार एक दिन पहले जारी तबादला नीति में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक संशोधन जारी किया है। 22 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि जो पंचायत सचिव एक ही ग्राम पंचायत में विगत 10 सालों या उससे अधिक अवधि से पदस्थ है उसका भी तबादला विचारण में लिया जा सकता है। लेकिन जिला संवर्ग में कार्यरत सचिवों की संख्या का 10 फीसदी से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे। 10 साल से अधिक समय से कार्यरत सचिवों का तबादला सर्वप्रथम किया जाएगा।
तब सचिवों का तबादला अनिवार्य जारी नीति में कहा गया है कि यदि किसी पंचायत में सचिव का नातेदार सरपंच या उपसरपंच चुन लिया गया है तो इस स्थिति में सचिव का तबादला ऐसी पंचायत से अन्य पंचायत में किया जाएगा। नवीन पदस्थापना वाली पंचायत में भी सचिव का कोई नातेदार सरपंच या उपसरपंच नहीं होना चाहिए। इसके अलावा किसी भी सचिव को उसके पैत्रिक ग्राम पंचायत या उसके ससुराल की ग्राम पंचायत में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
अंतर जिला तबादलों की यह होगी प्रक्रिया अंतर जिला तबादला केवल स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा। इसमें विवाहित, विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं का ऐसे जिले में अंतर जिला तबादला किया जा सकेगा जिसमें उसका ससुराल, पति का निवास अथवा स्वयं का परिवार निवासरत होगा। इसके लिए महिला सचिव को वर्तमान पदस्थापना जिले एवं आवेदित जिले के जिपं सीईओ की अनापत्ति लेनी होगी। इसके आवेदन संबंधित महिला सचिव को वर्तमान पदस्थापना वाले जिपं सीईओ को करना होगा और इसकी कॉपी आवेदित जिले के सीईओ को देनी होगी। आवेदित जिले से एनओसी मिलने पर वर्तमान जिपं सीईओ अनुशंसा सहित आवेदन संचालक पंचायत राज संचालनालय को भेजेंगे। स्थानान्तरण आदेश प्रशासकीय अनुमोदन के बाद संचालक जारी करेंगे। लेकिन स्थानान्तरित सचिव की नवीन जिले में वरिष्ठता सबसे नीचे रखी जाएगी। पूरे सेवा काल में सचिव को एक बार ही अंतर जिला तबादले का लाभ मिल सकेगा।
आवेदन आने शुरू इधर तबादलों को लेकर जिपं सीईओ के पास आवेदन आने शुरू हो गए हैं। ज्यादातर आवेदन उन पंचायतों के हैं जहां सरपंच सचिवों की नहीं पट रही है। उधर कुछ नेताओं के सिफारिशी आवेदन भी आ रहे हैं। पंचायतराज संचालनालय से 27 नामों की सूची आई है। जिसमें मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सरपंच ग्राम पंचायत दुरेहा, राजा भइया तिवारी, सरपंच बिहटा, विधायक राजेन्द्र सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा, सरपंच थथौरा, सरपंच झिंगोदर, सीएम कार्यालय, सरपंच पड़री, सरपंच इटमा सहित कुछ स्वयं के आवेदन भी शामिल हैं।
पटवारियों के तबादलों की भी गुणा गणित शुरू सतना जिले में सबसे भारी पटवारियों के तबादले माने जाते हैं। इसमें से विशेष तौर पर शहरी क्षेत्र में पदस्थ पटवारियों के तबादले शामिल हैं। बहरहाल पटवारियों के तबादलों को लेकर जनप्रतिनिधियों और नेताओं में अपने-अपने मोहरे बिठाने की कवायद शुरू हो गई है तो संगठन भी एक सूची तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि इस बार पटवारियों के तबादलों को लेकर कुछ ठोस निर्णय लिया जा सकता है अगर जनप्रतिनिधि अपना वीटो नहीं लगाते हैं। इधर तबादलों की आशंका से घिरे पटवारी अपने-अपने आकाओं की चौखटों पर भी चक्कर लगाते देखे जा रहे हैं।
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