इन विद्यालयों पर लगाया गया जुर्माना स्वतंत्र प्रकाशकों की किताबें मनमानी तरीके से चलाने के कारण जिन विद्यालयों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है उनमें माउंट लिट्रा जी स्कूल मरौहा सिधौली, ब्लूम्स एकेडमी सीनियर सेकेन्डरी स्कूल पन्ना रोड सतना, सेंट माइकल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल अमौधा, द विट्स स्कूल करही रोड सतना, एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल करही रोड, डी-पॉल स्कूल माधवगढ़, प्रियंबदा बिरला सीनियर सेकण्डरी स्कूल, चाणक्य पब्लिक सीनियर सेकण्डरी स्कूल, क्राइस्ट ज्योति सीनियर सेकण्डरी स्कूल, द लवडेल सीनियर सेकण्डरी स्कूल, बोनान्जा कान्वेंट हायर सेकण्डरी स्कूल बदखर, देल्ही पब्लिक सीनियर सेकण्डरी स्कूल सोनौरा, सीएमए सीनियर सेकण्डरी स्कूल पन्ना रोड, भारतीय विद्या भवन प्रिज्म स्कूल मनकहरी, सद्गुरु पब्लिक हायर सेकण्डरी स्कूल चित्रकूट और स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल नागौद शामिल है। इसके अलावा गुरुकुलम उमावि टिकुरिया टोला पर 4 लाख रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया है।
जवाब में खुला झूठ बोला ब्लूम्स स्कूल की ओर से दिए गए जवाब में डीएम को बताया गया कि माध्यमिक स्तर पर जो पुस्तकें चलाई जा रही हैं वे एनसीआरटी में उपलब्ध नहीं है। इसी तरह का जवाब उन्होंने 9वीं से 12वीं के लिए भी लिखा इस पर कलेक्टर ने इनका जवाब असत्य माना और कहा कि एनसीआरटी में प्राथमिक से लेकर हायर सेकण्डरी स्तर तक सभी कक्षाओं के लिए मुख्य विषयों सहित अभ्यास पुस्तिकाएं उपलब्ध हैं। लेकिन संस्था मनमानी तरीके से ऐसी किताबें उपयोग कर रही है जो एनसीआरटी में नहीं मिले। इस अनियमितता से अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालना सुनियोजित पाया गया। प्राथमिक सेक्शन में यहां जीके, मोरल साइंस, इंग्लिश हैण्ड रायटिंग, हिन्दी हैण्ड रायटिंग सहित अन्य वैल्यू एडिशन किताबें चलाई जा रही थीं।
जी लर्न लिमि. के अधीन माउंट लिटेरा जी स्कूल सिधौली द्वारा बताया गया कि स्कूल को जी लर्न लिमिटेड के अधीन संचालित किया जा रहा है। लिहाजा एनसीईआरटी के अलावा जी लर्न लिमि. द्वारा निर्धारित किताबों का उपयोग किया जाता है। डीएम ने माना कि यहां अतिरिक्त स्वतंत्र प्रकाशकों की किताबें पालकों पर अनुचित दबाव बनाकर उन पर आर्थिक बोझ बढ़ा रही है।
अन्य स्कूलों में भी यही मिली खामी इसके अलावा अन्य विद्यालय प्रबंधन द्वारा भी स्वतंत्र प्रकाशकों को लेकर अपनी ओर से अलग-अलग तरह की सफाई दी गई। ज्यादातर ने छात्र हित का हवाला दिया। लेकिन किसी के जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।
“ संबंधित स्कूलों का पक्ष सुनने के बाद पाया गया कि स्वतंत्र प्रकाशकों की किताबों का उपयोग मनमाने तरीके से किया जा रहा है जो म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) 2017 एवं 2020 की धारा 6 के विपरीत है। संबंधितों पर विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। ” – डॉ सतीश कुमार एस, कलेक्टर