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सतना

₹ 56 लाख के ‘कागजी गेहूं’ खरीदी पर वसूली का आदेश, संपत्ति कुर्क करने आरआरसी जारी

खरीदी केन्द्र संचालक की मिली भगत से 16 फर्जी किसानों को किया गया था भुगतान, लक्ष्मी स्व सहायता समूह का था फर्जीवाड़ा

सतनाJul 06, 2025 / 10:39 am

Ramashankar Sharma

समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी
सतना। कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने अरगट स्थित खरीदी केन्द्र में फर्जी किसानों द्वारा बेचे गए कागजी गेहूं के 56 लाख रुपए के भुगतान की वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके परिपालन में किसानों से कुर्की के जरिए राशि वसूली करने तहसीलदार रामनगर ने आरआरसी जारी कर दी है। सतना और मैहर जिले में अब तक हुए खरीदी फर्जीवाड़े में राशि वसूली का अपनी तरह का यह सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है। लक्क्ष्मी स्व सहायता समूह द्वारा किए गए इस फर्जीवाड़े का खुलासा ‘पत्रिका’ ने प्रमुखता से किया था। जिस पर कलेक्टर सतना ने दोषी पाए गए 16 किसानों पर कार्यवाही की थी। जिसके विरुद्ध 5 किसान उच्च न्यायालय की शरण में चले गए थे। जिस पर न्यायालय ने कलेक्टर को इन किसानों की सुनवाई कर आदेश जारी करने कहा था। जिस पर कलेक्टर मैहर ने सभी दोषी किसानों से राशि की वसूली कर नागरिक आपूर्ति निगम के खाते में राशि जमा करने के आदेश दिए हैं।
यह था मामला

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के विपणन वर्ष 2023-24 में रामनगर तहसील के अरगट स्थित खरीदी केन्द्र का काम लक्क्ष्मी स्व सहायता समूह को दिया गया था। समूह की संचालकों और आपरेटर की मिली भगत से फर्जी किसानों के नाम पर 2681 क्विंटल गेहूं कागजों में खरीद लिया गया। इसकी खरीदी के एवज में संबंधित 16 फर्जी किसानों के खातों में लगभग 57 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया।
पड़ोस का केन्द्र छोड़ 70 किमी दूर गए गेहूं बेचने

यह खेल इतने शातिराना तरीके से किया गया कि खरीदी केन्द्रअरगट से लगभग 70 किलोमीटर दूर रघुनाथपुर (तहसील रामपुर बाघेलान) के किसानों से गेहूं खरीदना दिखाया गया। जबकि रघुनाथपुर से अरगट के बीच लगभग 25 खरीदी केन्द्र स्थापित थे। समर्थन मूल्य पर खरीदी में शासन की मंशा है कि किसान अपने निकटम खरीदी केन्द्र में आसानी से अपनी उपज बेच सके। इसके लिए स्लाट बुकिंग सिस्टम लागू किया गया जिससे किसान अपनी पसंद का निकटतम केन्द्र चुन सके। इसी का फायदा उठाते हुए लक्क्ष्मी स्व सहायता समूह के कर्ता धर्ताओं ने अरगट से काफी दूर के मिलीभगत में शामिल किसानों के नाम पर गेहूं की कागजी खरीदी दिखा दी। जबकि वास्तव में यह गेहूं खरीदा ही नहीं गया था। इसके बाद इसका 57 लाख रुपए का भुगतान फर्जी तरीके से इन किसानों के खाते में कर दिया गया था। किसानों द्वारा 25 खरीदी केन्द्रछोड़ 70 किलोमीटर दूर के खरीदी केन्द्र में उपज बेचने की जानकारी सामने आने के बाद पत्रिका ने पड़ताल में इस फर्जीवाड़े को पकड़ा था। जिसमें पाया गया था कि समूह संचालक और किसानों ने सांठ गांठ कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाते हुए अनाधिकृत लाभ लिया था।
दर्ज हुई थी एफआईआर

मामला उजागर होने पर सभी दोषियों के विरुद्ध जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके विरुद्ध 5 किसानों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर कलेक्टर को इन याचिकाकर्ताओं को समक्ष में सुनने आदेश जारी हुआ था। इस दौरान तक अरगट खरीदी केन्द्र मैहर जिले में शामिल हो चुका था। लिहाजा मैहर कलेक्टर ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सभी दोषियों से राशि वसूली के लिए आरआरसी जारी करने के आदेश दिए हैं।
कुर्की के जरिए इन किसानों से होगी वसूली

कलेक्टर के आदेश पर रामनगर तहसीलदार ने बिना गेहूं बेचे भुगतान पाने वाले किसानों के विरुद्ध आरआरसी जारी कर दी है। अब कुर्की की जाकर इन किसानों से राशि की वसूली होगी। जिन किसानों से राशि वसूली होनी है उनमें कोटर तहसील के बिहरा निवासी राजेश प्रताप सिंह पिता कृष्णपाल सिंह से 6.01 लाख, रघुराजनगर तहसील के कृपालपुर निवासी किसान मिथलेश पटेल पिता रामपाल पटेल से 4.95 लाख रुपए, रामपुर बाघेलान तहसील के रघुनाथपुर निवासी किसान आकांक्षा सिंह पिता रमाकांत सिंह से 3.86 लाख, अनामिका सिंह पिता रमाकांत सिंह से 5.82 लाख रुपए, द्रोपदी सिंह पिता रमाकांत सिंह से 3.69 लाख रुपए, सत्यवती सिंह चक्रमणि सिंह से 4.22 लाख रुपए, चक्रमणि सिंह पिता रामानुज सिंह से 4.67 लाख रुपए, राजकुमार सिंह पिता सुरेश सिंह से 4.33 लाख रुपए, नारेन्द्र पटेल पिता दयाराम पटेल से 6.73 लाख रुपए, विद्या सिंह उपेन्द्र सिंह से 2.27 लाख रुपए, मैहर तहसील के उरदानी निवासी रामसेवक पिता मिठाईलाल यादव से 1.65 लाख रुपये, लक्क्ष्मण प्रसाद पिता गंगाराम पाल से 85 हजार, विश्राम पाल पिता सहादेव पाल से 51 हजार रुपए, बालमुकुन्द्र पिता अंबिका प्रसाद दुबे से 5.80 लाख, शकुतंला बाई पटेल पिता शेवदत्त पटेल से 2.35 लाख और द्वारिका प्रसाद पिता वृन्दावन से 2.04 लाख रुपए वसूली की आरआरसी जारी की गई है।
“गेहूं खरीदी में फर्जीवाड़े का बड़ा रैकेट लक्क्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा द्वारा फर्जी किसानों की मिलीभगत से चलाया जा रहा था। इसके लिए 70 किलोमीटर दूर के किसानों से अरगट में खरीदी दिकाई गई। सभी दोषियों से वसूली के लिए आरआरसी जारी करवाई गई है।” – रानी बाटड, कलेक्टर मैहर

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