पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान भारी बारिश और बर्फबारी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम के सदस्यों स्टेंजिन लापु, दावा शेर्पा और अब्दुल कयूम के सहयोग से यह संभव हुआ।
मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पर्वतारोहण अभियान
रत्नेश ने पर्वतारोहण को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने कहा, प्रकृति से जुड़ाव तनाव, डिप्रेशन और एंग्जायटी को दूर करता है। पर्वतारोहण से हृदय व फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और यह एक बेहतरीन डिजिटल डिटॉक्स का माध्यम भी है।
मिल चुका है विक्रम पुरस्कार
उल्लेखनीय है कि रत्नेश पाण्डेय को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विक्रम पुरस्कार से समानित किया जा चुका है। वह राज्य के पहले पर्वतारोही हैं जिन्हें साहसिक खेलों की श्रेणी में यह सम्मान प्राप्त हुआ। रत्नेश इससे पहले देश-विदेश की कई पर्वत चोटियों को फतह कर चुके हैं। लद्दाख प्रशासन ने भी उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें साहसिक पर्यटन और प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरणाप्रद बताया है।