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सतना

‘कलेक्टर’ की मदद आई काम! ईरान-इजराइल युद्ध के बीच फंसा ‘एमपी का बेटा’ सुरक्षित घर लौटा…

MP News: मध्यप्रदेश के सतना जिला कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस के प्रयासों के चलते ईरान-इजराइल युद्ध के बीच फंसा सतना का बेटा सुरक्षित घर लौट आया है।

सतनाAug 03, 2025 / 01:24 pm

Himanshu Singh

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फोटो- कलेक्टर सतना

MP News: ईरान-इजरायल युद्ध के चलते ईरान के बंदर अब्बास सिटी में दो महीने तक फंसे रहे मध्यप्रदेश के सतना शहर के रहने वाले आकाश द्विवेदी सकुशल अपने घर लौट आए है। उनके घर वापसी से परिवार में में खुशी का माहौल है। शनिवार को उनके पिता चंद्रभूषण द्विवेदी ने बेटे की सकुशल वापसी के लिए इंडियन एंबेसी, विदेश मंत्रालय, सीएम डॉ. मोहन यादव और कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस का आभार व्यक्त किया।

मर्चेंट नेवी का कोर्स पूरा कर जॉइन किया था शिप

शहर के पौराणिक टोला के रहने वाले आकाश द्विवेदी ने घर लौटने के बाद कलेक्ट्रेट जाकर कलेक्टर को ईरान युद्ध के दौरान का पूरा मामला बताया। उन्होंने कहा कि 17 मार्च 2025 को उन्होंने मर्चेंट नेवी का कोर्स पूरा करके ईरान में एक शिप जॉइन किया था। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जून में ईरान-इजराइल युद्ध शुरू हो गया। उन्हें लगने लगा था कि वे अब घर नहीं लौट पाएंगे। बेटे की परेशानी से चिंतित उनके पिता चंद्रभूषण द्विवेदी ने कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस से संपर्क किया और उन्हें पूरी जानकारी दी। कलेक्टर ने तुरंत 14 जुलाई को ईरान के दूतावास से पत्राचार किया। कलेक्टर की पहल पर एंबेसी ने ईरान की उस कंपनी से संपर्क किया, जहां आकाश काम करते थे। इसके बाद, आकाश की घर वापसी का रास्ता साफ हो सका।

युद्ध के कारण बंद हो गई थी शिप

आकाश ने बताया कि दो देशों में युद्ध के कारण लोकलशिप खड़े हो गए थे। लंबे समय तक शिप खड़े रहने के कारण 17 श्रमिकों में अधिकांश स्थानीय लोग अपने-अपने घर चले गए। शिप में सिर्फ आकाश व 5 अन्य लोग ही बचे। वहां नेटवर्क नहीं था। इससे घर पर संपर्क नहीं हो पाया। युद्ध के कारण ईरान की हालात खराब होने लगी। इधर, घरवाले चिंतित हो गए। पासपोर्ट कंपनी में जमा होने, वापसी का वीजा न होने पर परेशान थे। घर वापसी की उम्मीद धीरे-धीरे टूटती जा रही थी।

वीजा बनाकर टिकट भिजवाई

ईरान की एम्बेसी ने आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के साथ वीजा बनाकर टिकट की व्यवस्था की। इसके बाद आकाश द्विवेदी 31 जुलाई की सुबह ईरान के सिराज शहर से प्लेन में सवार होकर मुम्बई के लिए रवाना हुए। उसी रात 9.30 बजे आकाश मुम्बई पहुंच गए। मुम्बई से परिजन आकाश को सकुशल घर ले आए।

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