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सतना

फिर विवादों में आई बागरी जाति, राष्ट्रीय एससी आयोग ने भेजा नोटिस

Bagri caste controversy: मध्यप्रदेश के सतना की बागरी जाति को लेकर SC दर्जे पर फिर बवाल मच गया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं, कलेक्टर को नोटिस भेजा गया है। (MP News)

सतनाJun 15, 2025 / 12:47 pm

Akash Dewani

Bagri caste controversy MP News (फोटो सोर्स- प्रतिमा बागरी एक्स हैंडल)

Bagri caste controversy MP News
(फोटो सोर्स- प्रतिमा बागरी एक्स हैंडल)

MP News: सतना जिले में निवासरत बागरी जाति अनुसूचित जाति में शामिल है अथवा नहीं इसे लेकर एक बार फिर मामला गरमाने वाला है। बागरी समाज द्वारा अनुसूचित जाति का अवैधानिक रूप से लाभ लिए जाने की तथ्यात्मक शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से की गई है। शिकायत का अध्ययन करने के बाद आयोग ने मामले की जांच करने का निर्णय लिया है और कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। (Bagri caste controversy)

प्रतिमा के नामांकन के वक्त भी हुआ था विवाद

बागरी जाति के अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल नहीं होने का विवाद मौजूदा राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के नामांकन के वक्त भी खड़ा हुआ था, लेकिन इन आपत्तियों को रिटर्निंग ऑफीसर ने दरकिनार कर दिया था। (Bagri caste controversy)

आयोग ने सतना कलेक्टर को जारी किया नोटिस

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से डायरेक्टर डॉ. जी सुनील कुमार बाबू ने कलेक्टर सतना को जारी नोटिस में कहा है कि शिकायत पर आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 333 के तहत प्रदत्त शक्तियों का अनुसरण करते हुए मामले की जांच का निर्णय लिया है। कलेक्टर से इस विषय पर 30 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। तय समय सीमा में जवाब नहीं भेजने पर समन जारी करने की भी चेतावनी दी गई है। (Bagri caste controversy)
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1956 में हुआ था संशोधन

भारत सरकार ने 1956 में अजा सूची का संशोधन किया। इसमें भिंड, गिर्द, मुरैना, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, विदिशा, देवास, धार, झाबुआ एवं निवाड़ में निवासरत बागरी / बागड़ी को अजा में शामिल किया पर सतना के बागरी शामिल नहीं रहे। (Bagri caste controversy)

1976 में मिला एससी स्टेटस

आरोप लगा कि 1976 में भारत सरकार ने अनुसूचित जाति व जनजाति की राष्ट्रीय स्तर की सूची में संशोधन किया गया। जिसमें क्षेत्रीय बंधन समाप्त कर दिया गया। इस दौरान सूची में उल्लेखित जिलों के साथ-साथ पूरे प्रदेश के बागरी अनुसूचित जाति का लाभ लेने लगे। (Bagri caste controversy)

2003 में मंत्रालय ने एससी मानाने से किया इंकार

मप्र शासन अजाक विभाग मंत्रालय ने पत्र में 25 फरवरी 2003 को स्पष्ट किया कि अनुसूचित जाति सूची में बागरी जाति जो महाकौशल क्षेत्र के सिवनी तथा जबलपुर, बुंदेलखंड क्षेत्र के पन्ना तथा विन्ध्य क्षेत्र के सतना जिले के अनेक व्यक्ति जो अनुसूचित जाति के नहीं हैं बागरी उपनाम का प्रयोग कर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं। राज्य स्तरीय छानबीन समिति का निर्णय 12 मार्च 2003, भारत सरकार का 20 अगस्त 2007 का गजट नोटिफिकेशन, अनुसंधान विभाग की मानव शास्त्री रिपोर्ट वर्ष 2002-03 सहित अन्य दस्तावेज शामिल है सतना की बागरी को अजा नहीं माना गया है। (Bagri caste controversy)

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