script4 साल पहले ‘मृत व्यक्ति’ के आवेदन पर बिक गई जमीन, हो गया ‘नामांतरण’ | Land sold 4 years ago on the application of a dead person | Patrika News
सतना

4 साल पहले ‘मृत व्यक्ति’ के आवेदन पर बिक गई जमीन, हो गया ‘नामांतरण’

MP News: मामले में तत्कालीन पटवारी रश्मि शुक्ला की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं…..

सतनाAug 13, 2025 / 03:36 pm

Astha Awasthi

फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: बीते दिन कलेक्टर की जनसुनवाई में अजब-गजब मामले सामने आए। चार साल पहले मृत हो चुके व्यक्ति द्वारा दिए गए आवेदन पर एक जमीन का वारसाना नामांतरण कर दिया गया। नामांतरण के बाद इन जमीनों का विक्रय भी कर दिया गया। मामले में तत्कालीन पटवारी रश्मि शुक्ला की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। इस दौरान 105 आवेदकों की समस्याओं को सुना गया।

वारसाना नामांतरण का आवेदन किया

शहर से लगी ग्राम पंचायत सोहौला निवासी देवकली सिंगरहा ने कलेक्टर को अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनके बेटे त्रिवेणी प्रसाद सिंगरहा की मृत्यु 3 जुलाई 2021 को हो गई। बेटे की मौत के बाद बहू अनीता सिंगरहा ने 3 जुलाई 2024 को तहसील रामपुर बाघेलान के तपा निवासी रवि केवट से विवाह कर लिया और उसी के साथ रहने लगी। सोहौला में बेटे त्रिवेणी के नाम कुल 1.587 हेक्टेयर जमीन थी, जिसे अनीता ने पटवारी और सरपंच की मिलीभगत से चोरी छिपे अपने नाम कराकर बेच डाला।
इसमें सरपंच ने अनीता के अन्यत्र शादी कर रहने के बाद गलत सजरा बनाया। इसके बाद अनीता ने 16 जून 2025 को चार साल पहले मृत बेटे त्रिवेणी के नाम से वारसाना नामांतरण का आवेदन किया। आवेदन के बाद तत्कालीन पटवारी रश्मि शुक्ला की मिली भगत से 18 जून 2025 को वारसाना नामांतरण प्रमाणित कर दिया गया। इसी दिनांक को इन जमीनों का विक्रय पत्र निष्पादित कर दिया गया। देवकली ने इसके साथ बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र और मृत्यु के चार साल बाद उसके नाम से वारसाना नामांतरण के आवेदन की कॉपी भी प्रस्तुत की है।

मुझे शाम तक कॉलम नंबर 12 सुधार कर बताओ

रामपुर बाघेलान के ग्राम पाल निवासी गुरुदेव सिंह तिवारी ने कलेक्टर को एक जमीन के मामले में हाईकोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिखाते हुए बताया कि जमीन को उनके परिवार की अन्य सदस्य सरोज देवी ने बेच दिया है। जानकारी उपपंजीयक तनुप्रिया कुशवाहा, तहसीलदार और एसडीएम को दी, लेकिन किसी ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जमीन का क्रय-विक्रय होने दिया।
कलेक्टर ने एसीडएम को फोन लगाकर मामले की जानकारी ली। निर्देशित किया कि शाम तक मुझे इस मामले में उल्लेखित जमीन के कालम नंबर 12 में क्रय विक्रय प्रतिबंधित करना दर्ज करते हुए सूचित करें।

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