कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए
सांसद बर्क ने सवाल उठाया कि मस्जिद को सिर्फ इसलिए गिरा दिया गया क्योंकि वह एक ‘अवैध निर्माण’ थी, जबकि देशभर में लाखों धार्मिक स्थल ऐसे हैं जो बिना नक्शे के बने हैं या सरकारी जमीन पर खड़े हैं। उन्होंने पूछा, क्या प्रशासन में इतनी हिम्मत है कि सब पर समान कार्रवाई कर सके?
सिर्फ मस्जिद नहीं, आस्था और संविधान पर भी हमला
सपा सांसद ने कहा कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि हमारी आस्था, हमारे हक और संविधान की आत्मा पर चोट है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा कि किसी भी धर्म के धार्मिक स्थल को राजनीति का हिस्सा बनाकर नहीं तोड़ना चाहिए।
भूमि पर था अवैध कब्जा, 15 दिन पहले दिया गया था नोटिस
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका परिषद चंदौसी की करीब साढ़े बीघा जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद और 34 मकानों का निर्माण किया गया था। भूमि की पैमाइश के बाद पालिका प्रशासन ने अवैध कब्जेदारों को 15 दिन का नोटिस दिया था। 20 जून को तय समय सीमा समाप्त होने के बाद 24 जून को प्रशासन ने हाइड्रा मशीन लगाकर कार्रवाई की और मस्जिद की 40 फीट ऊंची मीनार को ढहा दिया।
प्रशासन की कार्रवाई पर सियासत गरमाई
इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। सपा सांसद के बयान से साफ है कि विपक्ष इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है।