जानें पूरा मामला
यह मामला 31 अक्टूबर 2010 का है, जब बहजोई थाना क्षेत्र के गांव किसोली निवासी अवधेश उर्फ पप्पू ने अपने पिता रामचंद्र की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर में गांव के ही यादवेंद्र उर्फ यादव, मनोज, सोमपाल और यशपाल को आरोपी बनाया गया था।
चुनावी परिणाम बना विवाद की जड़
पप्पू के अनुसार, पंवासा में हुए प्रधान पद के चुनाव में उनके परिवार ने चंद्रपाल का समर्थन किया था। इसी को लेकर गांव के यशपाल से कहासुनी हो गई थी, जिसे कुछ लोगों ने शांत करा दिया था।
घर लौटते वक्त हुआ हमला
उसी दिन पप्पू के पिता रामचंद्र और भाई घनश्याम जब घर लौट रहे थे, तब आरोपियों ने उन्हें घेरकर गोली मार दी। इस हमले में रामचंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने की तत्काल कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। सुनवाई के दौरान तीन की मौत
मामले की सुनवाई के दौरान तीन आरोपी मनोज, सोमपाल और यशपाल की मृत्यु हो चुकी है। अदालत ने केवल यादवेंद्र उर्फ यादव के खिलाफ सुनवाई जारी रखी। सरकारी वकील ने रखी सख्त सजा की मांग
सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह ने अदालत में पक्ष रखते हुए आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की।