तहसीलदार-राजस्व विभाग की मौजूदगी में हुआ ध्वस्तीकरण
प्रशासन की टीम ने सोमवार को यह कार्रवाई की, जब तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस और राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि यह कब्रिस्तान करीब डेढ़ दशक पहले सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाया गया था और वहां कई कब्रें भी बना दी गई थी।
भारी पुलिस बल के बीच हुआ एक्शन
अवैध कब्रिस्तान के ध्वस्तीकरण कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस इलाके में भारी पुलिस बल के साथ पीएसी और आरआरएफ की तैनीती की गई थी। ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। प्रशासन ने पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से पूरी की और इस दौरान किसी प्रकार की झड़प की कोई सूचना नहीं मिली। ग्रामसभा की जमीन थी: तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह
तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह ग्रामसभा की जमीन थी। जिसपर स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। प्रशासन की ओर से इसे कब्जा मुक्त कराकर, इसे बाउंड्री वॉल कराया गया है। इस जमीन को अब ग्रामसभा को सौंप दिया जाएगा। यह लगभग एक बीघा जमीन है। सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई पूरी तरह से वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई है।
आपको बता दें कि संभल में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इससे पहले 21 मई को जिलाधिकारी के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने अवैध निर्माण को हटाया था। नगर निगम ने पहले अवैध जगहों को चिन्हित किया था, फिर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया अपनाई थी।