वक्फ बोर्ड मामले पर नजर
इमरान मसूद ने वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वक्फ का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और 14 जुलाई को इसकी सुनवाई होगी। इस मुद्दे पर मोहर्रम और कांवड़ यात्रा के दौरान भी ध्यान दिया जाएगा। हम लोग मोहर्रम में भी वक्फ पर नजर रखेंगे और कांवड़ यात्रा में भी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही इस पर आगे की रणनीति बनेगी। अभी कांवड़ यात्रा की सेवा में लोग जुटे हैं।”
कांवड़ पथ निर्माण पर सवाल
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 700 करोड़ रुपए की लागत से कांवड़ पथ निर्माण करने का फैसला लिया गया है। इस पर इमरान मसूद ने सवाल उठाते हुए कहा, “सरकार ने फैसला तो ले लिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह पथ कहां बनेगा, कितना लंबा होगा? कांवड़ मार्ग कई हैं, सहारनपुर से भी कांवड़ यात्री गुजरते हैं, हरियाणा के यात्री भी अपने रास्तों से जल चढ़ाते हैं। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह पथ कहां-कहां बनेगा?”
यादव कथावाचक विवाद पर टिप्पणी से इनकार
इटावा में यादव कथावाचकों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आक्रोश और योगी सरकार को दी गई तीन दिन की चेतावनी पर इमरान मसूद ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी विवादित मुद्दे पर बोलना नहीं चाहता और न ही ऐसे मुद्दों को पसंद करता हूं।”
अखिलेश यादव के आजमगढ़ में घर पर प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ में नया घर बनाए जाने की खबर पर मसूद ने कहा कि इसमें कोई समस्या नहीं है। अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद रहे हैं और उन्हें वहां घर बनाना चाहिए। इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर मसूद ने सधे हुए अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “राजनीति में कुछ भी संभव है। गठबंधन का खेल है, कब किसके साथ गठजोड़ हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।” एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा बिहार में महागठबंधन का समर्थन करने की बात पर मसूद ने स्पष्ट जवाब देने से परहेज किया। उन्होंने कहा, “ओवैसी साहब के बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता। वह क्या करेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। यह ऐसा सवाल है, जिसका मेरे पास कोई जवाब नहीं।”