scriptCorruption : सीएमओ ऑफिस का बड़ा बाबू रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार | Corruption CMO office senior clerk arrested by anti corruption team while taking bribe | Patrika News
सहारनपुर

Corruption : सीएमओ ऑफिस का बड़ा बाबू रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार

Corruption : बाबू पिछले चार साल से महिला को दफ्तर के चक्कर लगवा रहा था और फाइल आगे पास करने के एवज में 50 हजार रुपये मांग रहा था।

सहारनपुरMay 17, 2025 / 07:45 am

Shivmani Tyagi

CMO Office

पकड़ा गए आरोपी बाबू को हाथ पकड़कर ले जाते हुए

Corruption : सहारनपुर जिला अस्पताल के मलेरिया विभाग के बड़े बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। यह बाबू सीएमओ ऑफिस में बैठता था। एंटी करप्शन ( anti Corruption ) टीम ने बाबू को इसी ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया। इसे कोतवाली सदर बाजार पुलिस के हवाले कर दिया है। इस घटना ने एक बार फिर से जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।

चार साल से पीड़िता को चक्कर लगवा रहा था बाबू

सहारनपुर जिला अस्पताल के मलेरिया विभाग में तैनात बड़े बाबू विनोद कुमार को एंटी करप्शन की टीम ने दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सहारनपुर के ही नवादा तिवाया की रहने वाली शशिबाला स्वास्थ्य विभाग में काम करती थी। करीब चार साल इसकी मौत हो गई। महिला की दो बेटियां हैं। शशि बाला के मरने के बाद उसकी एक बेटी को मृतक आश्रित पद पर नौकरी मिलनी थी। पकड़ा गया बाबू पिछले करीब चार साल से मृतका की बेटी को जिला अस्पताल के चक्कर लगा रहा था।

50 हजार रुपये की कर रहा था मांग

आरोप है कि चार साल से इस फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 50 हजार रुपये की डिमांड की जा रही थी। शशि बाला की बेटी के पास इतने पैसे नहीं थे। चार साल तक भी जब उसे कोई रास्ता नजर नहीं आया तो उसे किसी ने बताया कि एंटी करप्शन टीम से बड़े बाबू की शिकायत कर दे। पीड़िता ने ऐसा ही किया। पीड़ित महिला के पति मनोज कुमार ने दो दिन पहले एंटी करप्शन टीम को इसकी सूचना दी। इस सूचना पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछा लिया और जैसे ही पीड़िता से बाबू ने पैसे लिए उसे रंगे हाथ दबोच लिया। टीम ने इसे पकड़कर कोतवाली सदर बाजार पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां से इसे जेल भेज दिया गया है।
अफसरों ने क्यों बंद कर रखी थी आंखें

इस पूरे घटनाक्रम में एक बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर चार साल तक उच्च अधिकारी अपनी आंखें बंद किए हुए क्यों बैठे थे। पीड़िता ने कई बार उच्च अधिकारियों के भी चक्कर लगाए लेकिन उसकी कोई बात नहीं सुनी गई। इससे आशंका है कि रिश्वत के इस खेल में और भी खिलाड़ी मौजूद हों। फिलहाल इन सभी बिंदुओं पर पुलिस और एंटी करप्शन टीम जांच कर रही है। बाबू के बयानों में अब यह बात सामने आएगी कि यह रिश्वत अकेले बाबू डकार रहा था या इसमें किसी अन्य का भी हिस्सा था।

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