scriptयदि दवा डालने से जहरीली हो गई है मूंग, तो फिर बाजार में भी लगाया जाए बिक्री पर प्रतिबंध | Patrika News
सागर

यदि दवा डालने से जहरीली हो गई है मूंग, तो फिर बाजार में भी लगाया जाए बिक्री पर प्रतिबंध

समर्थन मूूल्य में मूंग खरीदी न होने पर किसानों में आक्रोश, कहा चना, मसूर में भी डलता है कीटनाशक

सागरJun 08, 2025 / 11:36 am

sachendra tiwari

Farmers are angry over not buying moong at the support price, said pesticides are also used in gram and lentil

मंडी में बिकने आ रही मूंग

बीना. इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी करने से सरकार ने मना कर दिया, जिसके पीछे का कारण मूंग में खरपतवार नाशक पेप्टिसाइड का उपयोग ज्यादा करना बताया जा रहा है। यह मूंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस निर्णय के बाद किसानों में आक्रोश है। क्योंकि उन्हें अब मूंग सस्ते दामों पर बाजार में बेचनी पड़ेगी, जिससे घाटा होगा।
पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर 8682 रुपए क्विंटल मूंग खरीदी गई थी और इस वर्ष भी अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस वर्ष प्रदेश सरकार ने खरीदी से इंकार कर दिया है। समर्थन मूल्य पर खरीदी न होने से अब बाजार में किसानों से 6 से 7 हजार रुपए क्विंटल में मूंग खरीदी जाएगी। साथ ही दामों और गिरावट आने की भी आशंका है, जिससे किसानों को घाटा होगा। खरीदी न होने से किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि एक एकड़ मूंग की फसल तैयार होने पर करीब पंद्रह हजार रुपए की लागत आती है और इस वर्ष साढ़े तीन क्विंटल का उत्पादन हो रहा है। यदि दाम कम मिले तो लागत भी नहीं निकल पाएगी। भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के संभागीय अध्यक्ष सीताराम ठाकुर ने बताया कि सरकार समर्थन मूल्य पर जल्द ही मूंग की खरीदी नहीं करती है, तो मूंग उत्पादक किसानों के साथ बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
समर्थन मूल्य पर खरीदी न करना गलत निर्णय
धई बुजुर्ग के किसान प्रतिपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने दस एकड़ में मूंग की बोवनी की थी और दिनरात मेहनत कर फसल तैयार कर पाए, हजारों रुपए लागत लगाई है, लेकिन अब समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं हो रही है। जिस पेप्टिसाइड दवा की बात सरकार कर रही है, वह इस क्षेत्र में नहीं डाली जाती है। साथ ही यदि कीटनाशक के उपयोग से मूंग जहरीली हुई है, तो उसपर बाजार में भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए। चना, मूसर सहित अन्य फसलों में भी कीटनाशक डाली जा रही हैं, फिर उसकी भी खरीदी नहीं होना चाहिए।
अगले वर्ष से नहीं करेंगे बोवनी
किसान श्रवण सिंह ने बताया कि मूंग में लागत ज्यादा लगने के बाद भी दाम नहीं मिल रहे हैं, इसलिए अगले वर्ष से मूंग की बोवनी नहीं करेंगे। किसानों को यह तीसरी फसल का विकल्प मिला था, जिससे खरीफ फसल की बोवनी की लागत निकल आती थी।

Hindi News / Sagar / यदि दवा डालने से जहरीली हो गई है मूंग, तो फिर बाजार में भी लगाया जाए बिक्री पर प्रतिबंध

ट्रेंडिंग वीडियो