10 कदम भी मत चलना, क्योंकि धमनियों में 100 परसेंट ब्लॉकेज हैं। दुबे को 14 अप्रेल को जैसे ही मुंबई से जांच रिपोर्ट नॉर्मल बताई गई, तब से वे प्रतिदिन 7 से 9 किमी पैदल चल रहे हैं और बिल्कुल स्वस्थ हैं।
पांच दिन पहले कराई जांचें भी सामान्य
58 वर्षीय दुबे ने बताया, उन्होंने 26 मई को सागर में खून संबंधी एक दर्जन से ज्यादा जांच कराईं थीं, जो नॉर्मल निकली। उन्होंने कहा, सागर मल्टी स्पेश्यलिटी जैसे निजी अस्पताल सिर्फ आम लोगों को बीमारी का डर दिखाकर लूटने का काम कर रहे हैं। इसें भोपाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
यह भी झूठ बोला कि नोटिस नहीं मिला
पीड़ित दुबे के वकील ऋषि कुमार मिश्रा ने बताया, 17 मई को स्पीड पोस्ट के जरिए सागर मल्टी स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल भोपाल को नोटिस भेजा था, जो 21 मई को तय पते पर रिसीव हो गया। शनिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट में अस्पताल की ओर से कहा है कि उन्हें नोटिस नहीं मिला है, यह सरासर झूठ है। 15 दिन बाद आगे की कार्रवाई शुरू करेंगे। ये भी पढ़ें:
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पीड़ित अजय दुबे का कहना है, सागर मल्टी स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल भोपाल ने भय का माहौल बनाकर जो मानसिक उत्पीड़न किया है, इसकी शिकायत मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से भी कर रहा हूं। साथ ही उपभोक्ता फोरम समेत अन्य नागरिक व आपराधिक मंचों पर भी मुकदमा दर्ज कराऊंगा।