दोनों के बीच करीब सात साल से प्रेम प्रसंग था। पत्नी ने बताया कि युवक बदनाम करने की धमकी देता था, जिससे परिवार के लोग परेशान थे। बदनामी के डर से सभी ने आत्महत्या करने मजबूर हुए होंगे। वहीं, परिवार के अन्य लोगों ने भी बयान दिए हैं कि उन्हें इस घटना के बाद पता चला कि दोनों के बीच प्रेम प्रसंग थे और बदनाम करने की धमकी दी जा रही थी। सुसाइड नोट से द्रोपदी पर संदेह गहराया कि उसे हिस्सा क्यों नहीं दिया गया। क्या मनोहर, दोनों बच्चे मां से नाखुश थे या कोई अन्य कारण है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतक मनोहर लोधी अनपढ़ थे। मरने से पहले मनोहर के बेटे ने सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उल्लेख है कि पूरी जमीन 3 भाइयों को जाती है और जगदीश की सेवा जो करेगा उसको उनकी जमीन दी जाती। मम्मी का कोई हक नहीं है। मामा का हिसाब चुकता है। 2 लाख रुपए देने थे तो हम ने 2 लाख 40 हजार रुपए दे चुके हैं और किसी का कोई कर्ज नहीं है। अलमारी में 1 लाख 20 हजार रुपए रखे हुए हैं। बाई फूलरानी की चीजें 4 बुआ को जाती हैं। पापा का फोन पे और दादा का फोन पे का पासवर्ड एक ही है। फोन पे पर 68 हजार रुपए हैं। एक भैंस अंतिम बुआ, 1 भैंस सीला बुआ, 1 भैंस सेवकली बुआ को और 68 हजार फोन पे के बड़ी बुआ को।
टीहर गांव में हुए सामूहिक आत्महत्या मामले की जांच चल रही है। मनोहर की पत्नी और भाईयों के बयान लिए गए हैं। पत्नी का कहना है कि सुरेन्द्र लोधी उसे बदनाम करने की धमकी देता था, जिससे परिवार के लोग परेशान थे। पीएम रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा।
योगेन्द्र लोधी, थाना प्रभारी, खुरई शहरी
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर टीहर गांव की घटना पर लिखा है कि प्रदेश का किसान बेहद तनाव के दौर से गुजर रहा है। कहीं कर्ज का बोझ, कहीं सिस्टम की लापरवाही, कहीं आर्थिक तंगी से बढ़ती पारिवारिक कलह, तो कहीं घर चलाने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी है। उन्होंने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है, जिससे सही कारणों का पता लगाकर कार्रवाई की जाए। उन्होंने किसान परिवारों से भी अपील की है कि तनाव में आकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाएं, धैर्य और संयम से काम लें।