पद बढ़ता, नहीं बढ़ता था वेतन
बता दें कि पुलिस विभाग में विवेचकों की कमी को पूरा करने के लिए 10 फरवरी 2021 को यह कार्यवाहक प्रमोशन की व्यवस्था शुरू की गई थी। इसके तहत बड़ी संख्या में आरक्षक, प्रधान आरक्षक, एएसआई, एसआई और निरीक्षकों को उच्च पदों पर बिठाया गया था। हालांकि इस व्यवस्था में पदोन्नत होने वाले कर्मचारियों की जिम्मेदारियां तो बढ़ जाती थीं, लेकिन उनके वेतन और भत्तों में कोई बढ़ोतरी नहीं होती थी, जिससे उनमें काफी असंतोष था।अब पूरी तरह से बंद किया कार्यवाहक प्रमोशन
अब पीएचक्यू ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाहक प्रमोशन को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसका मतलब है कि अब पुलिसकर्मियों को कार्यवाहक के रूप में नहीं बल्कि वास्तविक प्रमोशन दिया जाएगा। रीवा जिले सहित पूरे राज्य में सालों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह आदेश एक बड़ी राहत है, क्योंकि अब उनकी पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।
क्या हैं पदोन्नति के नियम
हर कर्मचारी को एक निर्धारित समयावधि मेंं प्रमोशन मिलना चाहिए, लेकिन विभागीय अड़चनों में उलझकर प्रक्रिया सालों से रुकी रही। आरक्षक 10 साल और डायरेक्ट उपनिरीक्षक पद पर भर्ती सब इंस्पेक्टर 6 साल की सेवा पूरी करने के बाद प्रमोशन के लिए अधिकारी हो जाता है। आरक्षक पद से पदोन्नत कर्मचारी उपनिरीक्षक पद पर चार साल ड्यूटी करने के बाद निरीक्षक पद पर पदोन्नति का अधिकारी हो जाता है।
रीवा में 500 से अधिक कर्मचारियों को दिया प्रमोशन
रीवा जिले में पुलिस विभाग के भीतर विवेचकों की कमी को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यवाहक प्रमोशन दिए गए थे। इस व्यवस्था के तहत लगभग 500 पुलिसकर्मियों को उनके मूल पदों से उच्च पदों पर पदोन्नत किया गया। इन पदोन्नतियों में आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई), उपनिरीक्षक (एसआई) और निरीक्षक जैसे विभिन्न पद शामिल थे। कार्यवाहक के रूप में की गई इन पदोन्नतियों से जिले में विवेचकों की समस्या को काफी हद तक हल करने में मदद मिली थी।कार्यवाहक प्रमोशन पर लगी रोक
पुलिस विभाग में कार्यवाहक के रूप में प्रमोशन देने की व्यवस्था शुरू की गई थी, जिसमें कई कर्मचारियों को प्रमोशन दिया गया था। वर्तमान में नए आदेश के तहत कार्यवाहक प्रमोशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। जो आदेश वरिष्ठ कार्यालय से मिलेंगे, उसके मुताबिक कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की जाएगी।
–विवेक लाल, एएसपी रीवा