मुर्गियों के मरने का सिलसिला और जांच की प्रक्रिया
ग्राम सीहोर के पोल्ट्री फार्म में एक हफ्ते से मुर्गियों की मौत हो रही थी। ग्रामीणों ने आशंका जताई थी कि यह किसी संक्रामक बीमारी का नतीजा है। पहले नमूने आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) बरेली भेजे गए, लेकिन रिपोर्ट स्पष्ट नहीं आई। इसके बाद शुक्रवार को नमूने भोपाल की लैब में भेजे गए, जहां रविवार शाम आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
रविवार शाम रिपोर्ट मिलते ही एसडीएम अरुण कुमार और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) डॉ. वेदपाल सिंह की अगुवाई में प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। पोल्ट्री फार्म को पुलिस सुरक्षा के बीच सील कर दिया गया और सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया। एसडीएम ने आदेश दिया कि फार्म में मौजूद सभी 15 हज़ार मुर्गियों को जेसीबी से गड्ढे खोदकर फार्म के अंदर ही दफनाया जाए। रातभर यह प्रक्रिया जारी रही ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
ग्रामीणों की शिकायत और मंत्री से मुलाकात
ग्राम सीहोर, सिहोरा और जाफराबाद के ग्रामीणों ने रविवार को राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख से उनके कैंप कार्यालय पर मुलाकात की। ग्रामीणों ने शिकायत की कि मरी हुई मुर्गियों से बदबू फैल रही है और बीमारी फैलने का खतरा है। उन्होंने तुरंत कार्रवाई की मांग की। राज्यमंत्री ने एसडीएम और सीवीओ से फोन पर बात कर मामले की जानकारी ली और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
जिले में अलर्ट
प्रशासन ने जिलेभर में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया है। पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर भी निगरानी रखी जा रही है। पशुपालन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बीमार या मृत पक्षियों के संपर्क में न आएं और किसी भी संदिग्ध स्थिति की तुरंत सूचना दें।