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रामपुर

Bird Flu In Rampur: चार दिन में 80 हजार मुर्गियां दफन, करीब 1 करोड़ का नुकसान, चिकन-अंडे की बिक्री पर रोक

Bird Flu In Rampur: रामपुर जिले में बर्ड फ्लू का प्रकोप चार दिन में 80 हजार से अधिक मुर्गियों की मौत का कारण बना, जिससे पोल्ट्री उद्योग को लगभग एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

रामपुरAug 15, 2025 / 05:38 pm

Mohd Danish

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Bird Flu In Rampur: चार दिन में 80 हजार मुर्गियां दफन | Image Source – Social Media

Bird flu in rampur outbreak 80000 chickens dead poultry loss: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बर्ड फ्लू ने चार दिनों में पोल्ट्री उद्योग को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 80,000 से अधिक मुर्गियां मौत का शिकार हो चुकी हैं। प्रत्येक मुर्गी की औसत कीमत करीब 100 रुपये मानी जाए, तो पोल्ट्री फार्म मालिकों को लगभग एक करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान न केवल कारोबार पर गहरी चोट है, बल्कि किसानों और पोल्ट्री उद्यमियों की आजीविका पर भी बड़ा संकट बनकर सामने आया है।

बिलासपुर और चंदेन में सबसे ज्यादा असर

रामपुर जिले के बिलासपुर के सीहोर गांव में पहले दिन लगभग 15 हजार मुर्गियों की मौत हुई थी। बर्ड फ्लू (Bird Flu In Rampur) की पुष्टि होते ही शेष मुर्गियों को भी नष्ट कर दिया गया। यहां 35 हजार से अधिक मुर्गियां दफनाई गईं। इसी तरह चंदेन गांव में 16 हजार से अधिक मुर्गियों को प्रशासनिक टीमों ने नष्ट किया। यह कदम संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी था, लेकिन इसने पोल्ट्री कारोबारियों को भारी घाटे की स्थिति में ला दिया।

डिलारी और मुस्तफा खुर्द में भी हाहाकार

मिलकखानम के डिलारी गांव में स्थित दो पोल्ट्री फार्मों में 20 हजार से अधिक मुर्गियां मर चुकी हैं। वहीं, मुस्तफा खुर्द के एक पोल्ट्री फार्म में नौ हजार मुर्गियों की मौत हुई है। इन घटनाओं के साथ ही चार दिन में रामपुर जिले में मृत मुर्गियों की संख्या 80 हजार के करीब पहुंच गई है। टीमें लगातार खेतों और फार्मों में जाकर मृत मुर्गियों को गड्ढों में दफन कर रही हैं। पशुपालन विभाग जीवित और मृत दोनों प्रकार की मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए भेज रहा है।

स्वास्थ्य पर खतरे और प्रशासन की सख्ती

विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू (Bird Flu In Rampur) न केवल मुर्गियों के लिए घातक है, बल्कि यह संक्रमण के माध्यम से इंसानों तक भी पहुंच सकता है। संक्रमित चिकन के मीट का सेवन करने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि प्रशासन ने जिले में 21 दिनों तक चिकन और अंडों की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। यह आदेश 11 अगस्त को पूरे जिले में लागू कर दिया गया था।

पहले सावन, अब बर्ड फ्लू (Bird Flu In Rampur) – कारोबारियों की दोहरी मार

पोल्ट्री व्यवसायियों की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। सावन माह में धार्मिक कारणों से चिकन और मीट की दुकानों की मांग लगभग ठप रही। जैसे ही सावन समाप्त हुआ और कारोबार की रफ्तार पकड़ने की उम्मीद जगी, बर्ड फ्लू (Bird Flu In Rampur) का प्रकोप आ गया। अब न केवल बिक्री बंद है, बल्कि पोल्ट्री फार्म में बड़ी संख्या में मुर्गियों की अचानक मौत से व्यापारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

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