scriptरिश्वतखोरी का भंडाफोड़: लूट के आरोपी को बचाने के एवज में पहले 35 हजार ले चुका था हैड कांस्टेबल, दूसरी किश्त में 20 हजार लेते रंगे हाथ पकड़ा गया | Bribery exposed: Head constable had earlier taken 35 thousand in lieu of saving the robbery accused, was caught red handed taking 20 thousand in the second installment | Patrika News
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रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: लूट के आरोपी को बचाने के एवज में पहले 35 हजार ले चुका था हैड कांस्टेबल, दूसरी किश्त में 20 हजार लेते रंगे हाथ पकड़ा गया

राजस्थान के राजसमंद जिले के खमनोर थाने में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला उजागर हुआ है, जिसमें पुलिस का एक हैड कांस्टेबल रिश्वत लेते हुए एसीबी के हत्थे चढ़ गया।

राजसमंदAug 05, 2025 / 10:44 am

Madhusudan Sharma

Head Constebel Arrested

Head Constebel Arrested

खमनोर (राजसमंद). राजस्थान के राजसमंद जिले के खमनोर थाने में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला उजागर हुआ है, जिसमें पुलिस का एक हैड कांस्टेबल रिश्वत लेते हुए एसीबी के हत्थे चढ़ गया। मामला एक लूट केस में आरोपी नहीं बनाने और जब्त की गई कार छोड़ने की एवज में रिश्वत मांगने से जुड़ा है। आरोपी हैड कांस्टेबल कृष्ण कुमार मीणा इससे पहले भी 35 हजार रुपए की पहली किस्त ले चुका था, जबकि दूसरी किश्त में 20 हजार रुपए लेते समय सोमवार को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस पूरी कार्रवाई के बाद अब थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। एसीबी इस पूरे प्रकरण में थाने के भीतर फैले भ्रष्टाचार की परतें उधेड़ने में जुट गई है।

यूं समझें पूरा मामला

खमनोर थाने में लूट का एक मामला दर्ज है, जिसमें एक व्यक्ति को आरोपी नहीं बनाने और जब्त की गई कार को छोड़ने की एवज में हैड कांस्टेबल कृष्ण कुमार मीणा ने रिश्वत की मांग की थी। पहले तो उसने डरा-धमकाकर 35 हजार रुपए ले लिए, और फिर दूसरी किस्त के रूप में 25 हजार रुपए और मांगे। इसी पर शिकायतकर्ता एसीबी उदयपुर इंटेलिजेंस यूनिट के पास पहुंचा और पूरा मामला उजागर कर दिया।

एसीबी की योजना और ट्रैप

एसीबी की उदयपुर इंटेलिजेंस यूनिट की प्रभारी पुलिस निरीक्षक डॉ. सोनू शेखावत के नेतृत्व में टीम ने इस भ्रष्टाचार के मामले में सटीक योजना बनाते हुए हैड कांस्टेबल को ट्रैप करने की कार्रवाई शुरू की।
  • 1 अगस्त: परिवादी ने एसीबी कार्यालय में रिपोर्ट दी।
  • रिपोर्ट में उसने बताया कि हैड कांस्टेबल कृष्ण कुमार मीणा उससे थानाधिकारी के नाम पर 25 हजार की रिश्वत मांग रहा है।
  • परिवादी ने ये भी बताया कि पहले ही 35 हजार की राशि जबरन वसूली जा चुकी है।
  • एसीबी ने तुरंत वेरिफिकेशन किया, जिसमें यह रिश्वत की मांग स्पष्ट हो गई।
  • इसके बाद एसीबी ने 5 अगस्त, सोमवार को जाल बिछाकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई।

थाने के भीतर हुआ ऑपरेशन

  • सोमवार को परिवादी को रंगे नोटों के साथ थाने भेजा गया।
  • वहां एक कक्ष में बैठे हैड कांस्टेबल को जैसे ही 20 हजार रुपए सौंपे गए,
  • एसीबी टीम ने तुरंत इशारा पाते ही दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
  • आरोपी के पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद कर ली गई।
  • बाद में आरोपी के हाथ और कपड़े धुलवाए गए, जिससे रासायनिक जांच में रंग बदल गया और रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई।

थानाधिकारी की संदिग्ध भूमिका

  • रिश्वत मांगने के दौरान हैड कांस्टेबल ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि यह राशि थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत के लिए है।
  • यह तथ्य एसीबी की रिपोर्ट में उल्लेखित है, जिससे अब थानाधिकारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
  • ऐसे मामलों में एसीबी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जाती है, और अगर थानाधिकारी की भूमिका पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।

एसीबी की विस्तृत जांच

  • हैड कांस्टेबल से पूछताछ जारी है।
  • लूट के प्रकरण में मूल एफआईआर, केस डायरी, जब्त वाहन और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
  • यह जांच की जा रही है कि कहीं और किसी व्यक्ति से भी इस प्रकार से रिश्वत की मांग तो नहीं की गई

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