गौरतलब है कि माह बर पहले वन विभाग के डिप्टी रेंजर व मुख्य गोदाम प्रभारी प्रमिला जुरेशिया कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि जिला यूनियन राजनांदगांव द्वारा वन मंडल बीजापुर के लाट क्रमां 64 ब समिति भैरमगढ का तेन्दूपत्ता राजनांदगांव के गुरूकृपा गोदाम में भंडारण किया गया था।
विभाग के 9 अधिकारी-कर्मचारी शामिल
शिकायत में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें ठेकेदार व गुरुकृपा गोदाम के मालिक सुधीर मानेक के अलावा वन विभाग के गोदाम प्रभारी व वनक्षेत्रपाल माखन लाल बंजारे, वन परिक्षेत्र अधिकारी वनमण्डल कांकेर जीवन लाल देशमुख, उप वन क्षेत्रपाल वन मण्डल कबीरधाम सुनील ठाकुर, सुरक्षा श्रमिक जावेद-जुबेर अहमद राजनांदगांव, दनेश गिरधर दास मारकण्डे बागतराई, निरंजन-आलम सिंह ठाकुर राजनांदगांव, ईश्वरनेहरू साहू तुमडीबोड, यशवंत-शंकर व भवानी धनकर राजनांदगांव, तीज-दशरू राम मंडावी राजनांदगांव व अन्य शामिल है। इन लोगों के खिलाफ धारा 61(2), 316(2), 316(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है, लेकिन किसी की भी अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
2669 बोरा तेंदूपत्ता की अफरा-तफरी
उक्त भंडारित तेन्दूपत्ता में से अच्छे गुणवत्ता वाली तेन्दूपत्ता को निकालकर पुराना कचरा गुणवत्ता विहीन तेन्दूपत्ता रखने एवं तेन्दूपत्ता के बोरो में काफी कमी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि गोदाम मे कुल भंडारित मात्रा 7348 बोरा मे से 4679 बोरा ही गोदाम में पाया गया। यानि 2669 बोरा तेन्दूपत्ता गोदाम से गायब मिला है। जिससे शासन को 93 लाख 34 हजार 487 रुपए का क्षति हुई है। 93 लाख कीमत की
तेंदूपत्ता गबन मामले में जांच व कार्रवाई जारी है। दो लोग मामले में शामिल नहीं थे। इनके खिलाफ शिकायत हुई थी। इन दोनों को न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली है। गबन में शामिल अन्य लोगों को जल्द ही गिरफ्तार करेंगे। – रामेन्द्र सिंह, टीआई कोतवाली