Weather News: मौसम विभाग क्यों और कैसे जारी करता है रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट, जानिए रंगों के मायने
Weather News: अक्सर ये सुनते है कि मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ जिलों में रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन रंगों के क्या मायने होते हैं, चलिए जानते हैं..
मौसम विभाग के रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट ( Photo – Patrika create )
Weather News: चाहे गर्मी का मौसम हो या ठंड का, या फिर बरसात का। मौसम विज्ञान केंद्र बदलती परिस्थितियों के आधार पर चेतावनी जारी करता है। इनमें अक्सर रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट के बारे में सुनते हैं। वहीं आखिरी में ग्रीन अलर्ट भी जारी किया जाता है। (CG Weather News) ऐसे में क्या कभी ये जानने की कोशिश किए हैं कि आखिर मौसम विभाग क्यों और कैसे अलर्ट जारी करती है और इन रंगों के क्या मायने होते हैं। चलिए आज आपको आसान भाषा में रंगों के मायने बताते हैं जिसे जानना अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी है…
प्रदेश में बीते सप्ताह जोरदार बारिश हुई। इस बीच रायपुर जिले में बारिश के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंट अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि संभावित भारी बारिश से होने वाले प्रभाव को लेकर तैयार रहें। इससे बचाव को लेकर तैयारी कर लें। ऑरेंट अलर्ट के बाद रेड अलर्ट आता है। बारिश के दौरान बिजली गिरने की कई घटनाएं होती हैं। इसमें कई लोगों की जान चली जाती है।
रायपुर में जोरदार बारिश से सड़क पर भरा पानी
रेड अलर्ट
इसलिए रेड अलर्ट को सबसे खतरनाक बताया गया है। इसका इशारा होता है कि अत्यधिक भारी बारिश, तेज तूफान या बाढ़ जैसी स्थितियां बेहद नज़दीक हैं या पहले ही शुरू हो चुकी हैं। चाहे ठंड हो या गर्मी मौसम में बदलाव की स्थितियां को बताती है। बरसात में अक्सर रेड अलर्ट के दौरान बिजली गिरने और मौत की घटनाएं अधिक होती है। फिलहाल मौसम विभाग होने वाले नुकसान से बचानेे के लिए यह अलर्ट मौसम के अनुसार जारी करता है।
येलो अलर्ट
इसका सीधा मतलब है सतर्क रहें। यह उस पहले खतरे की घंटी की तरह है जो बताती है कि मौसम में हलचल है। हल्की बारिश हो सकती है। तेज़ हवाएं चल सकती हैं। यह चेतावनी आमतौर पर तभी दी जाती है जब मौसम में संभावित परिवर्तन की आशंका हो लेकिन वह जनजीवन को तत्काल बाधित करने वाला नहीं होता।
क्या है बिजली गिरने के कारण
बिजली गिरने के कई कारण हैं, लेकिन वर्तमान में मोबाइल और मोबाइल टावर भी बड़ी वजह के रूप में सामने आया है। आसमान में बिजली कड़कते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना या मोबाइल टावर के आसपास रहने चपेट में आने की आशंका रहती है। शहर में बिना तड़ित चालक के कई हाईराइज बिल्डिंग बन गई है। वहां भी बिजली गिरने का खतरा रहता है। उल्लेखनीय है कि हर साल आसमानी बिजली की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो जाती है।
मोबाइल और टॉवर काफी असर डाल रहे
रिटायर्ड अधिकारी डॉ. एमएल साहू ने बताया कि बिजली गिरने की वजह थंडरस्ट्राम होती है। इसके चलते बिजली ऊंचे स्थान, पेड़ आदि में गिरती है। मोबाइल टावर और मोबाइल भी बड़ी वजह बन रहे हैं। बिजली कड़कते समय मोबाइल लेकर खिड़की या बालकनी में बात नहीं करनी चाहिए। पेड़ के नीचे भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह भी घातक साबित हो सकता है।