कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी का कहना है कि 95 फीसदी कृषि उत्पाद और 99 फीसदी मरीन उत्पाद ब्रिटेन में अब बिना किसी आयात शुल्क के निर्यात किए जा सकेंगे। इससे
किसानों और मछुआरों की आय में वृद्धि और नए बाजार में पहुंच सुनिश्चित होगी। भारतीय दवाओं को ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त बाजार मिला है।
जनरल और लाइफसेविंग दवाओं के निर्यात में तेज़ी आएगी, जिससे भारतीय फार्मा उद्योग को वैश्विक मान्यता और लाभ मिलेगा। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग गुड्स और टेक्सटाइल व गारमेंट्स सेक्टर को फायदा होगा। छत्तीसगढ़ तस्सर सिल्क-कोसा के लिए जाना जाता है और इसका ब्रिटेन में अच्छा निर्यात बाजार है।
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने कहा, विकसित भारत 2047 के संकल्प एवं छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 को पूरा करने में यह हस्ताक्षर मील का पत्थर साबित होगा। इससे भारत के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के निर्यातकों को ब्रिटेन के विशाल बाजार में ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा।
इससे कृषि, फार्मा, रसायन, एमएसएमई, वस्त्र, चमड़ा, खिलौना, जेम्स, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो पार्ट्स, इनोवेशन, टेबलवेयर, सॉफ्टवेयर डवलपमेंट व डिजिटल नेटवर्क, हस्तशिल्प और अन्य श्रम-प्रधान क्षेत्रों को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। साथ ही देश में अब लग्जरी कारें, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक उत्पाद, मेडिकल डिवाइसेस, एयरोस्पेस पार्ट्स, जूता कपड़ा, फैशन उत्पाद, आभूषण, रत्न, चॉकलेट, बिस्किट, ऑटो कंपोनेंटस जैसे अनेक उत्पाद सस्ते दर पर मिलेंगे।