शुक्रवार को जीएसटी विभाग में 200 अधिकारियों के तबादला हुए। इसमें 150 अधिकारी तो ऐसे हैं, जो पांच साल से एक ही जगह पर जमे हुए थे। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में भी थोक ट्रांसफर हुए। इसमें डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्स, सहायक ग्रेड 2, नेत्र रोग और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं।
CG Transfer: 5 साल से एक ही जगह पर जमे ज्यादा प्रभावित
इस बार ट्रांसफर में ऐसे अधिकारी-कर्मचारी ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जो एक ही जगह पर पांच साल से अधिक जमे हुए थे। ऐसे कर्मचारियों को प्रमुखता से विभागों द्वारा
ट्रांसफर किए जा रहे हैं। कई अधिकारी-कर्मचारी तो अपने अधीनस्थों की शिकवा- शिकायतों की वजह से ट्रांसफर की भेंट चढ़ गए।
कैंसिल कराने के लिए लगा रहे चक्कर
बताया जाता है कि जो लोग अपने ट्रांसफर से खुश नहीं है, वे लोग अब अपने आला अधिकारियों के पास ट्रांसफर कैंसिल कराने की गुहार लगा रहे हैं। इस कार्य में कुछ लोग तो अपने कर्मचारी संगठन के नेताओं का भी सहारा ले रहे हैं। रायपुर राज्य शासन ने पं. जवाहरलाल नेहरू समेत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के 17 डॉक्टरों का ट्रांसफर किया है। सभी डीन को इन डॉक्टरों को तत्काल रिलीव करने को कहा गया है। हालांकि नए मेडिकल कॉलेजों की मान्यता बचाने के लिए ये पर्याप्त नहीं है। बताया जाता है कि ट्रांसफर लिस्ट में अन्य डॉक्टरों के भी नाम थे, लेकिन सूची जारी होने के पहले हटा दिया गया।
नेहरू मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. आरएल खरे को
महासमुंद भेजा गया है। क्लीनिकल विभाग से ये इकलौते डॉक्टर हैं। पीएसएम विभाग की एसो. प्रोफेसर डॉ. मिनी शर्मा का भी महासमुंद ट्रांसफर किया गया है। पैथोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुभव चंद्राकर को दुर्ग भेजा गया है।
महासमुंद व दुर्ग से दो को रायपुर भेजा
दोनों ही विभागों में महासमुंद व दुर्ग से दो डॉक्टरों को रायपुर लाया गया है। डेमोंस्ट्रेटर का तबादला भी हुआ है। मेडिसिन में प्रोफेसर के दो पद हैं, लेकिन तीन सेवाएं दे रहे थे। इसलिए तबादले की बात कही जा रही है। आने वाले दिनों में कुछ डॉक्टरों के और तबादला सूची आ सकती है। नीट के रिजल्ट के बाद अब
कॉलेजों के निरीक्षण का समय है। हालांकि इस बार भी सरकारी कॉलेजों का ऑनलाइन निरीक्षण होने की संभावना है। इसलिए मान्यता को लेकर ज्यादा मुश्किल आने की संभावना कम है।