इससे राज्य शहरी विकास अभिकरण छत्तीसगढ़ बेहद नाराज है। इस संबंध में सूडा के अमृत मिशन 2.0 के मिशन डायरेक्टर ने आठों नगर निगमों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी क्षेत्रों में नल से पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अमृत मिशन 2.0 योजना को अक्टूबर 2021 से प्रारंभ किया गया है।
Amrit Mission 2.0: पानी सप्लाई का पायलट प्रोजेक्ट
मिशन अमृत 2.0 के दिशा-निर्देशानुसार अमृत शहरों में न्यूनतम 2 हजार जनसंख्या वाले कम से कम एक वार्ड या डीएमए यानी डिस्ट्रिक्ट मीटरिंग एरिया में 24 घंटे जल प्रदाय की व्यवस्था प्रारंभ करना मिशन का एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन उक्त पॉयलट प्रोजेकट के लिए अभी तक प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
किसी वार्ड में दो-तीन पाइपलाइन से हो रही जलापूर्ति
जानकारी के अनुसार निगम निगम ने अमृत मिशन की
पाइपलाइन से ही जलापूर्ति के लिए सेपरेट लाइन बिछाई है, लेकिन पुरानी लाइन न तो निकाली गई है और न ही उससे पानी सप्लाई को बंद किया है। नतीजा लोगों के घरों में अमृत मिशन और पुरानी लाइन से पानी की सप्लाई हो रही है। इससे निगम के सीमा के अंतिम छोर वाले वार्डों में कम पानी लोगों को मिल रहा है।
इन नगर निगमों ने नहीं भेजा प्रस्ताव
बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़, राजनांदगांव, अंबिकापुर एवं जगदलपुर शामिल हैं। सूडा के अमृत मिशन 2.0 के मिशन डायरेक्टर ने इन सभी नगर निगमों के अधिकारियों को शीघ्र पॉयलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव भेजने को कहा है, ताकि कार्ययोजना की स्वीकृति की कार्यवाही की जा सके। बता दें कि प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम रायपुर में भी अभी तक किसी भी वार्ड में 24 घंटे पानी सप्लाई की शुरू नहीं की गई है। जबकि स्मार्ट सिटी के तहत कुछ वार्डों में 24 घंटे पानी सप्लाई करने के लिए अमृत मिशन 2.0 के तहत पाइपलाइन और पानी टंकी का निर्माण भी किया गया है। इसके अलावा
नगर निगम क्षेत्र के सभी 70 वार्डों में अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाई गई है। इसमें वर्तमान में सुबह एक घंटे तो शाम को सिर्फ आधे घंटे ही पानी की सप्लाई की जाती है।