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CG News: भारतमाला के भू-अर्जन व मुआवजे की गणना में गड़बड़ी की जांच करेगी EOW, CM साय ने लिया ये बड़ा फैसला इसकी वसूली करने के लिए बैंकों में जमा रकम और घोटाले से अर्जित राशि से खरीदे गए चल-अचल संपत्तियों को सीज किया जाएगा। साथ ही इसे राजसात कर शासन के खाते में रकम जमा कराई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि जमीन के वास्तविक भूस्वामी को अधिग्रहित जमीन का रकम का भुगतान भी किया जाएगा। बता दें कि अब तक की जांच में 84 करोड़ रुपए के घोेटाले का ब्यौरा मिला है। यह घोटाला करीब 100 करोड़ रुपए तक जाने की संभावना जांच एजेंसी द्वारा जताई गई है।
जमीन को टुकड़ों में बांटा फर्जीवाड़ा करने के लिए जमीन दलालों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर एक ही जमीन के कई टुकडे़ बांट दिया। साथ ही स्वयं और अपने रिश्तेदारों को भूस्वामी बनाकर मुआवजा लिया। जमीन अर्जन से पहले ही सौदा कर पावर ऑफ अटर्नी तक अपने नाम कराने की सनसनीखेज जानकारी भी सामने आई है। बताया जाता है कि अब भी दर्जनों किसानों से जमीन लेने के बाद भी उन्हें मुआवजा का एक रुपया भी नहीं दिया गया है।
जमीन दलाल हरमीत मास्टरमांइड ईओडब्ल्यू के अनुसार जमीन दलाल हरमीत सिंह इस पूरे खेल का मास्टरमांइड है। उसने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर जमीन का अधिग्रहण कराया। इसमें गरीब किसानों से लेकर स्थानीय ग्रामीण और आदिवासी तक की जमीन शामिल है। वहीं इसका मुआवजा लेने के बाद उन्हें एक रूपए तक नहीं दिया।
निजी बैंक में खाता खोला मुआवजा की रकम लेने के लिए महासमुंद स्थित एक निजी बैंक में करीब 130 खाते खोलने की जानकारी मिली है। जमीन दलालों और अन्य लोगों ने खुद और रिश्तेदारों के नाम पर इसे खोला। यह खाता सिर्फ मुआवजा लेने के लिए रखा गया था। रकम के जमा होते ही दूसरे बैंक में रकम ट्रांसफर करने के बाद ही अन्य स्थानों में निवेश कर लिया। ईओडब्ल्यू को जांच के दौरान इसके इनपुट मिलने के बाद उक्त खाताधारकों के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
पूर्व मंत्री के रिश्तेदार भी शामिल भारतमाला परियोजना घोटाले में एक पूर्व मंत्री के रिश्तेदारों से नाम भी सामने आए है। इसमें से एक कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल भेजा गया है। वहीं एक अन्य रिश्तेदार का नाम भी सामने आया है। उक्त दोनों के द्वारा ढाई-ढाई करोड़ रुपए लेने के इनपुट मिले है। हालांकि इस खेल में कई अन्य रसूखदार लोगों के नाम सामने आए है। उक्त सभी की भूमिका को जांच के दायरे में लिया गया है। बताया जाता है कि जांच के दौरान पुख्ता साक्क्ष्य मिलने पर उक्त सभी को बयान लेने बुलवाया जा सकता है।