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रायपुर

NEET UG के टफ पर्चे से देश में एमबीबीएस की पढ़ाई मुश्किल, अब विदेश में एडमिशन लेना चाह रहे हैं छात्र

MBBS Admission: छात्र भी पैरेंट्स को विदेश जाने का विकल्प बता रहे हैं। यूक्रेन व किर्गिस्तान में माहौल खराब होने के कारण ज्यादातर छात्र रूस जाना चाहते हैं। नीट यूजी 4 मई को हो चुकी है।

रायपुरMay 30, 2025 / 09:31 am

Laxmi Vishwakarma

NEET UG के टफ पर्चे से देश में एमबीबीएस की पढ़ाई मुश्किल (Photo source- Patrika)

NEET UG के टफ पर्चे से देश में एमबीबीएस की पढ़ाई मुश्किल (Photo source- Patrika)

MBBS Admission: इस बार नीट यूजी के टफ परचे ने कई छात्रों की हिम्मत तोड़ दी है। अच्छी रैंक व अच्छे स्कोर नहीं आने के कारण देश के किसी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश नहीं हो पाएगा। अगर निजी कॉलेज में हो भी गया तो भारी-भरकम फीस जमा करने के लिए ज्यादातर मध्यमवर्गीय पैरेंट्स सक्षम नहीं है। ऐसे में वे अपने बच्चों को विदेश भेजना चाह रहे हैं।

MBBS Admission: मद्रास हाईकोर्ट ने एनटीए को रिजल्ट जारी करने से किया मना

छात्र भी पैरेंट्स को विदेश जाने का विकल्प बता रहे हैं। यूक्रेन व किर्गिस्तान में माहौल खराब होने के कारण ज्यादातर छात्र रूस जाना चाहते हैं। नीट यूजी 4 मई को हो चुकी है। मद्रास हाईकोर्ट ने एनटीए को रिजल्ट जारी करने से मना कर दिया है। वहीं, मध्यप्रदेश की इंदौर खंडपीठ ने इंदौर को छोड़कर देश के सभी राज्यों व शहरों के रिजल्ट जारी करने कहा है। ऐसे में रिजल्ट कब तक आएगा, कहना मुश्किल है।
मामले की सुनवाई के बाद रिजल्ट जारी होने की संभावना है। एनटीए ने अभी मॉडल आंसर भी जारी नहीं किया है, लेकिन कई कोचिंग संस्थानों ने 4 या 5 मई को जारी कर दिया था। ऐसे में छात्रों ने ओएमआर शीट से आंसर मिलान कर इतना तो जान ही चुके हैं कि उनके कितने स्कोर आएंगे। कुछ नंबर इधर से उधर हो सकते हैं।
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एफएमजीई पास करने के बाद डिग्री मान्य

MBBS Admission: विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद मिली डिग्री का उतना ही महत्व है, जितना भारत के किसी सरकारी व निजी कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद डिग्री मिलती है। इतना जरूर है कि भारत में इंटर्नशिप व प्रेक्टिस करने के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (एफएमजीई) पास करना अनिवार्य है। इसके बिना वे न प्रैक्टिस के लिए पात्र हो सकते हैं और न नीट पीजी के लिए। कम खर्च में पढ़ाई की आस में कम स्कोर वाले छात्र विदेश की ओर रुख करते हैं।
डॉ. देवेंद्र नायक, चेयरमैन, बालाजी मेडिकल कॉलेज: जिन छात्रों का देश के किसी सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश नहीं हो पाता या संभावना कम होती है, ऐसे छात्र विदेश की ओर रुख करते हैं। नीट की बेहतर तैयारी कर छात्र देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले सकते हैं।

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