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रायपुर

सोशल मीडिया बना जनतंत्र की आवाज और ताकत, कई बार फेक न्यूज का रहता है खतरा…

Social Media Day: रायपुर में एक दौर था जब आम जनता अपनी बात कहने के लिए मंच खोजती थी, अब सोशल मीडिया ने हर हाथ में मंच और हर जुबां को ताकत दे दी है।

रायपुरJun 30, 2025 / 01:16 pm

Shradha Jaiswal

सोशल मीडिया बना जनतंत्र की आवाज और ताकत, कई बार फेक न्यूज का रहता है खतरा(photo-unsplash)

सोशल मीडिया बना जनतंत्र की आवाज और ताकत, कई बार फेक न्यूज का रहता है खतरा(photo-unsplash)

Social Media Day: छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक दौर था जब आम जनता अपनी बात कहने के लिए मंच खोजती थी, अब सोशल मीडिया ने हर हाथ में मंच और हर जुबां को ताकत दे दी है। इंस्टाग्राम, ट्विटर (एक्स), यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म अब सिर्फ मनोरंजन या संवाद के साधन नहीं रहे बल्कि वे आम आदमी की ‘डिजिटल लोकसभा’ बन गए हैं।
30 जून को सोशल मीडिया डे के मौके पर हम रायपुर और आसपास की कुछ ऐसी वायरल घटनाओं की पड़ताल कर रहे हैं, जिनमें सोशल मीडिया ने सवाल भी खड़े किए, और व्यवस्था को कठघरे में भी ला खड़ा किया।
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Social Media Day: घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया से व्यवस्था कटघरे में

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि सोशल मीडिया अब जनता की निगरानी की आंख बन गया है। यह न सिफ मुद्दों को उठाता है, बल्कि जनमत को प्रभावित करने का भी जरिया बनता जा रहा है। लेकिन इस ताकत का इस्तेमाल सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। सोशल मीडिया एक ताकत है। उसे जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें, वरना यही ताकत अफवाह का तूफान भी बन सकती है।
सोशल मीडिया के जरिए जहां सच्चाई सामने आ रही है, वहीं अफवाहें और भ्रामक सूचनाएं भी तेजी से फैलती हैं। बिना पुष्टि किए किसी खबर, वीडियो या फोटो को आगे न बढ़ाएं। कई बार भावनात्मक और तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत की गई सामग्री भी वायरल हो जाती है, जिससे माहौल बिगड़ सकता है।

जब नीली बत्ती वाली कार की बोनट पर काटा केक

एक पुलिस अफसर की पत्नी ने जन्मदिन पर सरकारी गाड़ी की बोनट पर केक काटा। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और जनता ने तीखी प्रतिक्रिया दी कि क्या सरकारी संसाधनों का निजी उपयोग सही है? कार्रवाई हुई, पर सिर्फ ड्राइवर पर। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी क्या नियम सिर्फ आम कर्मचारियों के लिए हैं? सोशल मीडिया के जरिए यह मामला देशभर में गूंजा। आज भी कई वीडियो वायरल हैं।

नकटी गांव की चीख सोशल मीडिया पर गूंजी

रायपुर के पास नकटी गांव में प्रस्तावित विधायक कॉलोनी के लिए 85 घरों को हटाने का विरोध हुआ। ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला और उनके वीडियो व बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुए। भाजपा विधायक अनुज शर्मा पर ग्रामीणों ने जमकर भड़ास निकाली। ये लोकल मामला देखते-देखते राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन गया। सांसद बृजमोहन अग्रवाल के हस्तक्षेप के बाद मामला ठंडा हुआ।

‘पुश’ पर मंत्री की आपत्ति और फिर मीस वायरल

राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ने अपने कार्यालय में ‘पुश’ शब्द देखकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने हिंदी या छत्तीसगढ़ी में बोर्ड लगवाने की बात कही। वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर मीस की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने भाषा गौरव की बात की, तो कई यूजर्स ने साक्षरता और प्रशासनिक गंभीरता पर सवाल उठाए। मीस में भी लोग मंत्री की तरह अंग्रेजी शब्दों को हटाने की बात कह रहे हैं।

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