scriptRaipur Public News: बारिश में कहीं डूब न जाए सिस्टम, घरों में कैद न हो जाए जिंदगी | Patrika News
रायपुर

Raipur Public News: बारिश में कहीं डूब न जाए सिस्टम, घरों में कैद न हो जाए जिंदगी

थोड़ी सी बारिश (little rain) में हर साल की तरह राजधानी का सिस्टम (the capital’s system ) कहीं डूब न जाए, कहीं घरों में जिंदगी कैद न हो जाए, क्योंकि नाले-नालियां पूरी तरह से जाम हैं। सफाई कराने में जोन कमिश्नर ( zone commissioners ) गंभीर नहीं हैं। न ही किसी तरह की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे में महापौर और आयुक्त की सख्ती कितनी कारगर साबित होगी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

रायपुरMay 25, 2025 / 06:09 pm

Rabindra Rai

Raipur Public News: बारिश में कहीं डूब न जाए सिस्टम, घरों में कैद न हो जाए जिंदगी

Raipur Public News: बारिश में कहीं डूब न जाए सिस्टम, घरों में कैद न हो जाए जिंदगी

अब सिर्फ चार दिन डेडलाइन को बाकी

अब सिर्फ चार दिन महापौर मीनल चौबे की डेडलाइन को बाकी है। सभी जोन कमिश्नरों को 30 मई को रिपोर्ट देनी है। निगम और जोनों के ये अधिकारी किस तरह की रिपोर्ट देंगे, यह चौंकाने वाली होगी। शहर के बीच बाजार से निकलने वाला नाला ही कचरे से बजबजा रहा है, जो कि जोन 4 के ठीक पीछे है।

थोड़ी-सी बारिश होने पर पानी सडक़ों पर

अभी शहर की सफाई का हाल ऐसा है कि थोड़ी-सी बारिश होने पर पानी सडक़ों पर छलकता नजर आता है। शहर में ऐसी कई जगहों की तस्वीरें सामने हैं। शनिवार को पत्रिका टीम कई जगह पहुंची। कुशालपुर में नाली का पानी सडक़ पर बहता हुआ मिला। रिंग रोड में कुशालपुर ब्रिज के ढलान में भी ऐसा ही नजारा दिखा। इसी रास्ते से टीम महादेवघाट रोड से भाठागांव नाले को देखने पहुंची। जहां दूर तक ये नाला कचरे से पूरी तरह से अटा पटा हुआ है। कहीं-कहीं कचरे के ऊपर पानी छलकता नजर आता है। हैरानी ये कि मानसून सिर पर है और न तो जोन-5 और न ही जोन 8 के जिम्मेदार इस नाले की सफाई कराने पहुंचे हैं। जबकि इस नाले की वजह से दर्जनों कॉलोनियों में पानी भरता है।

राधास्वामी नगर और प्रोफेसर कॉलोनी का भी ऐसा ही हाल

जब भी बारिश हुई नहीं कि लोग परेशानी में घिर जाते हैं। सडक़ों पर गंदगी पसर जाती है। पानी बहता रहता है। क्योंकि सफाई के नाम से हर वार्ड और जोन में केवल खानापूर्ति की जा रही है। नालियों और नालों से कचरा बाहर निकाला नहीं जा रहा है। जबकि पिछले 15 दिनों से महापौर और आयुक्त लगातार ये हिदायत दे रहे हैं कि सफाई एक छोर से आखिरी तक कराएं, पाटे तोडऩे में भी पीछे न रहें। क्योंकि जलभराव की स्थिति में जोन कमिश्नर, जोन अध्यक्ष, स्वास्थ्य अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे, लेकिन इसका कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। शायद इंतजार कर रहे हैं कि पहली तेज बारिश होने पर अधिकांश जगहों के नालों और नालियों का कचरा पानी भराव के दबाव में खुद-ब-खुद बह जाएगा। जो सडक़ों पर फैलेगा, उसे उठवा लेंगे।

बीच बाजार सबसे बड़ा नाला जाम

जयस्तंभ चौक, जवाहर बाजार, गोलबाजार, बैजनाथपारा, शास्त्री बाजार जैसे क्षेत्रों का पानी निकासी जिस नाले से होती है, वह पूरी तरह से कचरे से जाम मिला। इसी वजह से इन बाजारों में पानी भरता है और राजधानी का ह्दयस्थल जयस्तंभ चौक पूरी तरह से लबालब हो जाता है। उस नाले की तस्वीर हर किसी को चौंकाने वाली है। यहां पहुंचने पर राज टाकीज से लेकर आखिरी छोर तक कचरे से पूरा नाला बजबजा रहा है। उससे पानी का बहाव बहुत धीरे-धीरे नजर आया। यह पूरा क्षेत्र निगम के जोन-4 में आता है और जोन कमिश्नर अरुण ध्रुव की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठा रहा है कि जब शहर के बीच बाजार वाले नाले का ऐसा हाल है तो नाले-नालियों की सफाई का यूं ही अंदाज लगाया जा सकता है।

मुख्यालय से लेकर जोनों तक बैठकें

महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर, निगम आयुक्त विश्वदीप दौरा कर कई बार चेता चुके हैं कि सफाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। महापौर तो कई बार निगम मुख्यालय से लेकर जोनों में बैठकें लेकर हिदायत दे चुकी हैं। अभी हाल ही में हर जोन को नालों की सफाई के लिए अलग से सफाई कामगार और मशीन के लिए फंड स्वीकृत करते हुए 30 मई तक हर जोन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का समय तय कर चुकी हैं।

Hindi News / Raipur / Raipur Public News: बारिश में कहीं डूब न जाए सिस्टम, घरों में कैद न हो जाए जिंदगी

ट्रेंडिंग वीडियो