तेजी से आगे बढ़ रहा दक्षिण-पश्चिम मानसून, इधर 9 जिलों में आंधी-तूफान और बारिश की चेतावनी
Monsoon 2025: ज्येठ के महीने में सूरज की तपिश के साथ मौसम का मिजाज अचानक बदल रहा है। आज भी प्रदेश के दुर्ग, रायपुर समेत कई जिलों में हल्की बूंदाबांधी हुई।
Monsoon 2025: छत्तीसगढ़ में इस बार समय से पहले मानसून के पहुंचने के संकेत मिल रहे हैं। इस बीच नौतपा शुरू होने से पहले ही प्रदेश में आंधी तूफान और बारिश के हालत बने हुए हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश के 9 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। दूसरी ओर मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को बंगाल की खाड़ी से निकलकर तेजी से दक्षिणी भागों की ओर बढ़ेगा।
लालपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 20 मई तक गर्मी अभी और हलाकान करेगी। तेज धूप के साथ उमस में इजाफा होगा। हवा की आद्रता बढ़ेगी, जिससे चिपचिपाहट वाली गर्मी का अहसास होगा। गुरुवार दुर्ग, रायपुर, समेत अन्य जिलों में धूल भरी आंधी चली और बारिश हुई। मौसम में आए बदलाव से शाम तक उमस भरी गर्मी का एहसास हुआ।
तापमान बना हुआ है स्थिर
फिलहाल, दुर्ग जिला लू की चपेट में नहीं है। तापमान कम है, लेकिन उमस अधिक। अगले हते तक तापमान इस 37 से 40 डिग्री के आसपास ही रहेगा। न्यूनतम पारा भी स्थिर बना हुआ है। हवा में नमी बढ़ गई है, जिससे हलाकान होना पड़ रहा है।
अरब सागर में स्थित साइक्लोन के कारण निन स्तर पर हल्की नमी भी आ रही है। इसके कारण दुर्ग जिला सहित प्रदेशभर में ही बुधवार से तेज धूप के बाद हल्के बादल छाए रहने की शुरुआत भी हो गई है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि गुरुवार को एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज चमक के साथ छींटे पड़ेंगे। दिन के तापमान में मामूली बढ़ोतरी होगी, लेकिन तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा।
अभी कहां पहुंचा मानसून
भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भागों, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के उत्तरी भागों के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ गया। पिछले 2 दिनों में निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश हुई।
पछुआ हवाओं में बढ़ोतरी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3-4 दिनों में परिस्थितियां दक्षिण अरब सागर, मालदीव, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के लिए अनुकूल हैं। इस दौरान बंगाल की खाड़ी के दक्षिण, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के प्रभाव में बढ़ोतरी हुई है।
मानसून करीब, सहेजिए पानी
भूगर्म विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून अब करीब है। यही महत्वपूर्ण समय है जब हम सभी को रैन वाटर हारवेस्टिंग करने की तैयारी शुरू करनी होगी। जिले में धान के खेत रेन वॉटर हारवेस्टिंग के लिए सबसे अधिक उपयोगी होंगे। शहरी आवासीय क्षेत्रों में हमें रेनवॉटर हारवेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने की ओर भी ध्यान देना चाहिए। वर्तमान में बन रहे नए भवनों और मकानों में हार्वेस्टिंग कर एक नई जागरुकता फैलाई जा सकती है।
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