प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने कहा कि यह गिरफ्तारी पूर्वनियोजित और द्वेषपूर्ण कार्रवाई का परिणाम है, जिसका उद्देश्य प्रदेश की सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग करना और एक समुदाय को टारगेट करना है। राज्यसभा सांसद जे बी मेथर ने प्रदर्शन में भाग लेते हुए छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई लोकतंत्र और संविधान के मूल मूल्यों के विरुद्ध है। इस दौरान शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, प्रमोद दुबे, पंकज शर्मा, कुलदीप जुनेजा, कन्हैया अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
‘शाह के बयान से साफ है गिरफ्तारी साजिश’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूडीएफ सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से कहा,
छत्तीसगढ़ में ननों की रिहाई में मदद करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे राज्य सरकार को कोर्ट में जमानत का विरोध नहीं करने के निर्देश देंगे। शाह के बयान से साफ हो गया कि राज्य सरकार ने बजरंग दल के दबाव में ननों को गलत ढंग से गिरफ्तार किया है।
केरल भाजपा अध्यक्ष इस मामले में पहले ही कह चुके है कि नन निर्दोष हैं, उसकी गिरफ्तारी गलत है। बैज ने कहा कि भाजपा सरकार के संरक्षण में प्रदेश में बजरंग दल भय और आतंक का पर्याय बन चुका है। कभी वे ईसाइयों को, कभी सिक्खों को। बजरंग दल के द्वारा फैलाए जा रहे आतंक से प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है। बजरंग दल के लोग अल्पसंख्यकों के साथ आदिवासियों को भी परेशान कर रहे, क्योंकि आदिवासियों की पूजा पद्धति अलग है।
माले मुफ्त दिले बेरहम
बैज ने कहा कि साजा विधायक ईश्वर साहू अपनी स्वेच्छानुदान राशि का बड़ा हिस्सा अपने पीएसओ के रिश्तेदारों को बांट दिया। स्वेच्छानुदान की राशि जरूरतमंदों की मदद के लिए होता है। विधायक तो बंदरबांट करने में लगे है। कहावत है न कि माले मुफ्त दिले बेरहम।