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कवर्धा

पीजी कॉलेज में 1.22 करोड़ रुपए का गबन, कॉलेज का अकाउंटेंट गिरफ्तार… जानिए कैसे हुआ ये बड़ा घोटाला!

Kawardha News: शासकीय आचार्य पंथ गंध मुनि नाम साहेब स्नात्कोत्तर महाविद्यालय कवर्धा में 1.22 करोड़ रुपए के गबन के प्रकरण में मंगलवार को कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी प्रमोद कुमार वर्मा सहायक ग्रेड-2(अकाउंटेंट) को गिरफ्तार किया है।

कवर्धाJul 30, 2025 / 12:38 pm

Khyati Parihar

पीजी कॉलेज में 1.22 करोड़ का गबन (फोटो सोर्स- पत्रिका)

पीजी कॉलेज में 1.22 करोड़ का गबन (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Kawardha News: शासकीय आचार्य पंथ गंध मुनि नाम साहेब स्नात्कोत्तर महाविद्यालय कवर्धा में 1.22 करोड़ रुपए के गबन के प्रकरण में मंगलवार को कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी प्रमोद कुमार वर्मा सहायक ग्रेड-2(अकाउंटेंट) को गिरफ्तार किया है। आरोपी को विधिसमत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।

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अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग उच्च शिक्षा संचालनालय छत्तीसगढ़ के आदेश पर घोटाले की जांच के लिए डॉ.आरएस खेर प्राचार्य शासकीय मदन लाल शुक्ल स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीपत की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। समिति ने राज्य सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।
जांच रिपोर्ट में कवर्धा पीजी कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ.बीएस चौहान(निलंबित) व प्रमोद वर्मा (निलंबित) सहायक ग्रेड 2 के विरूद्ध राशि गबन की पुष्टि होना पाया गया। अनियमितता के आरोप में प्रभारी प्राचार्य और अकाउंटेंट के खिलाफ कालेज प्रबंधन ने एफ आईआर दर्ज कराया गया। दोनों पर 1 करोड़ 22 लाख 69 हजार 125 रुपए कर गबन का आरोप है। जांच रिपोर्ट में गबन की पुष्टि और कार्रवाई की अनुशंसा के बाद एफ आईआर दर्ज कराया गया।

उठते सवाल…

जांच रिपोर्ट में तात्कालीन प्रभारी प्राचार्य डॉ. चौहान पर भी एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए, जिस पर प्रकरण दर्ज भी किया गया। बावजूद एक ही आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। बड़ा सवाल तो यही है कि जांच रिपोर्ट में जब डॉ.चौहान पर भी गबन की पुष्टि और कार्रवाई की अनुशंसा हो चुकी है तो उन्हें गिरतार क्यों नहीं किया गया।

जांच में मिली वित्तीय गड़बड़ी

जांच के दौरान जिन प्रमुख वित्तीय गड़बड़ियों की पुष्टि हुई। इसमें 1 करोड़ 13लाख 28 हजार 570 की राशि बैंक और खजाने में जमा नहीं की गई। 24 लाख 81 हजार 805 स्ववित्तीय मद से संबंधित राशि कम जमा की गई। 2 लाख 20 हजार बिजली बिल के नाम पर निकाले गए, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। 9 लाख 40 हजार 555 की राशि मोबाइल बिल, ऑडिटोरियम किराया, अन्य मदों में अनियमित ढंग से उपयोग की गई।
प्रशासनिक जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कई महत्वपूर्ण लेखा दस्तावेज जानबूझकर छिपाए गए जिनमें से कुछ कॉलेज की अलमारी से और कुछ आरोपी के निवास स्थान से जब्त किए गए। आरोपी प्रमोद वर्मा ने स्वयं यह स्वीकार किया कि कॉलेज से संबंधित कुछ मूल रिकॉर्ड उसके पास घर पर सुरक्षित रखे थे, जिन्हें बाद में लौटाया गया।

अपराध प्रमाणित होने पर गिरफ्तारी

डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर ने बताया कि पूर्व में आरोपी को शासन द्वारा निलंबित किया जा चुका है। अब अपराध प्रमाणित होने और दस्तावेजों के संकलन के बाद विधिसमत गिरफ्तारी कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां से आरोपी प्रमोद वर्मा को जेल भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है। अन्य संबंधित व्यक्तियों की भूमिका व गबन की शेष राशि के संबंध में भी जांच की जा रही है।

अध्यक्ष ने कराई थी रिपोर्ट

कॉलेज में वित्तीय अनियमित्ता की जानकारी होने पर महाविद्यालय प्रबंधन और जनभागीदारी समिति अध्यक्ष रिंकेश वैष्णव की शिकायत पर कॉलेज संचालन में गंभीर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर 30 नवंबर 2024 को थाना कवर्धा में अपराध धारा 316(5) भादवि के तहत प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई।
प्रारंभिक जांच में जनभागीदारी मद से संबंधित 28 लाख 32 हजार 407 की राशि का गबन सामने आया था। इसके पश्चात उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर संपूर्ण गबन की राशि बढ़कर 1 करोड़ 22 लाख 59 हजार 125 प्रमाणित हुई। रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी में संशोधन कर आगे की विवेचना विस्तृत रूप से की गई।

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