यानी छात्रों को निजी कॉलेज में सीट आवंटन होने पर दस्तावेज का सत्यापन कराना जरूरी होगा और वे अगले राउंड में बने रहने का विकल्प दे सकेंगे। प्रदेश के 10 सरकारी व 4 निजी मेडिकल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए पहले राउंड की काउंसलिंग 29 जुलाई से शुरू हो चुकी है। पिछले तीन दिनों में 1500 से ज्यादा नीट क्वालिफाइड छात्रों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।
8 अगस्त को पहली आवंटन सूची आएगी। इसमें सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस सीट मिलने पर छात्रों को प्रवेश नियम पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्हें संबंधित मेडिकल कॉलेजों में न केवल दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा, वरन प्रवेश भी लेना होगा। कॉलेज से संतुष्ट नहीं होने पर उन्हें अपग्रेडेशन का विकल्प दिया जाएगा।
हर राउंड में नया पंजीयन और नई मेरिट सूची भी
नए प्रवेश नियम में अब हर राउंड में नए सिरे से ऑनलाइन पंजीयन करवाया जाएगा। यही नहीं नई मेरिट सूची भी जारी की जाएगी। रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में जीरो ईयर होने के बाद
प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 2130 से घटकर 1980 पर आ गई है। नए सेशन में अब 10 सरकारी व 4 निजी कॉलेजों पर एडमिशन होगा। सभी सरकारी व निजी कॉलेजों को नए सत्र के लिए मान्यता मिल गई है। इनमें तीन कॉलेजों ने 150 से 250 सीटें बढ़ाने के लिए एनएमसी में आवेदन किया है। बढ़ी हुई सीटों की जानकारी अभी नहीं आई है।
कॉलेज सीटें
रायपुर 230
दुर्ग 200
बिलासपुर 150
रायगढ़ 100
कोरबा 125
अंबिकापुर 125
राजनांदगांव 125
महासमुंद 125
कांकेर 125
जगदलपुर 125
बालाजी 150
शंकराचार्य 150
रिम्स 150
अभिषेक 100 काउंसलिंग में सभी दस्तावेज लाना जरूरी
प्रवेश के लिए काउंसलिंग ऑनलाइन चल रही है। इसलिए छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन प्रवेश के ठीक पहले संबंधित मेडिकल कॉलेजों में होगा। कोई भी एक दस्तावेज कम होने पर छात्रों को प्रवेश से वंचित किया जा सकता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान कोई भी दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत नहीं है। छात्रों को नीट स्कोर से लेकर जाति व निवासी प्रमाणपत्र संभालकर रखना होगा। डीएमई व कॉलेजों की अधिकृत वेबसाइट पर छात्रों को जरूरी दस्तावेज संबंधी जानकारी अपलोड कर दी गई है। छात्रों को हर दस्तावेज संभालकर रखना होगा। मेडिकल सर्टिफिकेट एडमिशन के दौरान जमा करना होता है। इसके लिए कॉलेज की ओर से संबद्ध अस्पतालों में जरूरी व्यवस्था की गई है। ताकि छात्रों को सर्टिफिकेट के लिए भटकना न पड़े।