CG Politics: बढ़ रही नाराजगी
यह भी कहते सुनने को मिल रहा है कि छतीसगढ़ में पहली बार ऐसा हो रहा है कि दो नए मंत्रियों की नियुक्ति में इतना विलंब हो रहा है। कुछ का तो यहां तक कहना है कि मंत्रियों की नियुक्ति के चक्कर में निगम मंडलों, आयोगों और परिषदों में बचे पदों पर नियुक्ति क्यों रोकी गई है समझ से परे हैं। जिनकों पद मिल गए हैं, वे तो मजे हैं
सरकारी सुख का आनंद ले रहे हैं, लेकिन जो नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, वे अभी तक कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि निगम मंडलों, आयोग और परिषदों में बचे पदों पर नियुक्ति की सूची जारी नहीं होने से अब दावेदार पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में धीरे-धीरे नाराजगी बढ़ती जा रही है। कुछ पदाधिकारी दावेदार हैं, वे अब पार्टी की गतिविधियों और कार्यक्रमों में भी शामिल होने से बचते रहते हैं। कुछ न कुछ बहाना बनाकर कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं।
बड़े नेता भी अपने कार्यकर्ताओं को बताने में असमर्थ
निगम मंडलों, आयोग और परिषदों में नियुक्ति की तीसरी सूची कब जारी होगी, इस बारे में बड़े नेता भी बताने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। इस संबंध में जब भी कोई पदाधिकारी या कार्यकर्ता पूछते हैं, तो शीर्ष नेतृत्व की ओर इशारा कर पल्ला झाड़ते नजर आते हैं। बता दें कि साय सरकार में रिक्त दो मंत्रियों के पद पर नियुक्ति मानसून सत्र के पहले होने की संभावना थी, लेकिन अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं होने से ऐसा लग रहा है मानसून सत्र के पहले शायद ही नए मंत्रियों की नियुक्ति हो पाएगी। भाजपा के सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि वरिष्ठ
विधायकों की आपसी के चलते नए मंत्रियों की नियुक्ति में विलंब हो रहा है। इसलिए अब शायद दीपावली के आसपास ही नियुक्ति हो पाएगी।