CG Cabinet Meeting: राजनीतिक नियुक्तियों का भी खुलेगा रास्ता
प्राधिकरण के गठन से राजनीतिक नियुक्तियों का भी रास्ता खुलेगा। (
Cabinet Meeting ) इसके साथ ही अलग-अलग सेक्टरों के हिसाब से क्षेत्र के विकास की रणनीति बनाने में आसानी होगी। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि एनसीआर के विकास के लिए संबंधित प्राधिकरण की स्थापना से जुड़े विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गई। बता दें कि राज्य सरकार ने अपने मुख्य बजट में एनसीआर के सर्वे और डीपीआर के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
ऐसे काम करेगा प्राधिकरण
डिप्टी सीएम साव ने बताया कि यह प्राधिकरण रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर में तेजी से बढ़ती आबादी और शहरीकरण को देखते हुए इस क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए काम करेगा। यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के लिए योजना बनाना, निवेश को बढ़ावा देना, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का काम करेगा।
वर्ष 2032 तक 50 लाख लोग रहेंगे
डिप्टी सीएम ने बताया कि वर्ष 2031 तक इस क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोग रहने की संभावना है, इसलिए भूमि का प्रभावी उपयोग और पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरी विकास करना जरूरी है। इस तरह राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों को बेहतर, सतत और सुव्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।
पुलिस अफसरों का बढ़ेगा वेतनमान
कैबिनेट ने राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के उचित प्रबंधन के लिए सेवा अवधि पूर्ण कर चुके अफसरों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान करने का फैसला लिया गया। इसके लिए 30 नए पद स्वीकृत किए गए हैं। इसका लाभ वर्ष 2005, 2006, 2007, 2008 तथा 2009 बैच के अधिकारियों को मिलेगा।
पुरानी गाड़ियों के नंबर नए में हो सकेंगे ट्रांसफर
कैबिनेट में छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम-1994 के नियम, 55 में संशोधन की मंजूरी दी है। इससे वाहन स्वामी अपने पुराने वाहन के फैंसी या च्वॉइस नंबर को नए या किसी अन्य राज्य से लाए गए उसी श्रेणी के वाहन में उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा। यदि पुराना नंबर सामान्य नंबर था, तो आवश्यक शुल्क भरने के बाद इसका उपयोग संभव होगा। यह सुविधा केवल नए वाहन के पंजीयन या अन्य राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आए वाहनों पर लागू होगी। पहले से राज्य में पंजीकृत वाहनों पर नहीं। शासकीय वाहनों के लिए भी यह सुविधा मिलेगी, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा।