CG News: प्रमाणपत्र स्वीकृति के बदले आवेदकों से अवैध रकम की मांग
इस समय सरसींवा तहसील कार्यालय की लापरवाही के चलते लोगों के जाति, निवास जैसे मूलभूत प्रमाणपत्रों के लिए च्वाइस सेंटर में जमा
ऑनलाइन आवेदन को तहसील ऑपरेटर द्वारा जानबूझकर सेंड बैक किया जा रहा है और फिर प्रमाणपत्र स्वीकृति के बदले आवेदकों से अवैध रकम की मांग की जा रही है।
लोगों ने बताया कि एक साल पहले उक्त प्रमाण पत्र से उनके घर के अन्य सदस्य के प्रमाण पत्र आसानी से बने थे, लेकिन इस सत्र में उसी दस्तावेज से प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। इससे विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। थोड़ी भी त्रुटि से आवेदन खारिज हो रहे हैं या पेंडिंग में जा रहा है, जिससे छात्र और उनके पालक सब परेशान हैं।
जानकारी के अनुसार 99 फीसदी ऑनलाइन आवेदन जानबूझकर मूल दस्तावेज़ के साथ उपस्थित होने, नये पटवारी प्रतिवेदन पेश करने जैसे बहाने बनाकर सेंड बैक कर दिए जाते हैं। जबकि दस्तावेज़ पहले ही अपलोड किए गए होते हैं। इसके बाद आवेदक जैसे ही तहसील कार्यालय पहुंचता है वहां आवेदन स्वीकृति के नाम से पैसे वसूला जा रहा है। केवल आम नागरिक ही नहीं चॉइस सेंटर संचालक भी इस चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं। चॉइस सेंटर चलाने वाले ई. सेवा प्रदाता भी शोषण का शिकार हो रहे हैं।
चॉइस सेंटर को प्रति आवेदन 500 का जुर्माना
CG News: नियमों के तहत अगर सेंड बैक आवेदन पर 10 दिनों में प्रमाणपत्र नहीं बनता तो संबंधित चॉइस सेंटर को प्रति आवेदन 500 का जुर्माना भरना पड़ता है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिल रहा है जो फाइलें रोककर बाद में पैसे लेकर स्वीकृति दे रहे हैं। इस प्रकार की लापरवाही से अभी हाल ही में एसडीएम कार्यालय बिलाईगढ़ को 45 हजार रु की पेनाल्टी लगी है। इस संदर्भ में सरसींवा तहसील के
तहसीलदार आयुष तिवारी ने बताया कि किसी की भी समस्या है वे तहसील कार्यालय आकर मुझे जानकारी दें। तत्काल निराकरण किया जाएगा।
कई दर्जन आवेदकों के प्रमाण पत्र नहीं बन रहें
मोहतरा निवासी एस कुमार ने जाति प्रमाण पत्र बनवाने आवेदन जमा किया है लेकिन अब तक नहीं बन पाया है जबकि इसी मिशल पर घर के अन्य कई सदस्यों के प्रमाण पत्र बने हैं दूसरे प्रकरण में पन्ड्रीपाली निवासी नंद कुमार बंजारे ने पुत्र जितेंद्र के जाति प्रमाण पत्र के लिए बीते माह 26 जून आवेदन जमा किए हैं अब तक उनका प्रमाण पत्र नहीं बना है। ऐसे ही और कई दर्जन आवेदकों के प्रमाण पत्र नहीं बन रहें हैं अंचल के लोगों ने शासन प्रशासन से अविलंब प्रमाण पत्र बनाने की मांग की है।