उन्होंने डीएमई कार्यालय में स्थापना प्रभारी से पूछा कि कितने डॉक्टर प्रमोशन के लिए पात्र हैं। असिस्टेंट से एसोसिएट व एसोसिएट से प्रोफेसर बनने के लिए कितने पात्र हैं, इस पर स्थापना प्रभारी ने कोई जवाब नहीं दे पाया। किसी अन्य अधिकारी ने बताया कि 2021 में प्रमोशन हुआ था, तब 131 असिस्टेंट प्रोफेसरों को एसोसिएट प्रोफेसर बनाया गया था। वहीं बाकी प्रमोशन भी किया गया था।
कटारिया ने कहा कि पात्र डॉक्टरों का प्रमोशन समय पर होना चाहिए। उन्होंने ऑनलाइन कार्य पर भी जोर दिया। कहा कि ई आफिस को बढ़ावा दिया जाए। यही नहीं उन्होंने एचआरएमआईएस पोर्टल में छुट्टियों के आवेदन करने पर बल दिया। साथ ही इस पोर्टल में डॉक्टरों की पूरी कुंडली होनी चाहिए। जैसे कब ज्वाइन किया, कब प्रमोशन हुआ और अन्य जरूरी बातें, जो फैकल्टी के लिए जरूरी है।
सभी डीन को एक निजी बैंक में खाता खुलवाने का दबाव डालने का मामला भी सामने आया। इस पर सचिव ने कहा कि वे किसी बैंक विशेष में खाता खोलने को महत्व नहीं देते। जहां, जिस बैंक में अकाउंट चल रहा है, वहां लेनदेन किया जाए।
10 मेडिकल व तीन सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की समीक्षा
बैठक में
प्रदेश में संचालित 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों एवं 3 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। इन संस्थाओं की सेवाओं की गुणवत्ता, प्रशासनिक दक्षता तथा सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए बैठक में 10 प्रमुख एजेंडों के अंतर्गत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में सीएमई शिखा राजपूत तिवारी, डीएमई डॉ. यूएस पैकरा, एडिशनल डायरेक्टर डॉ. पुनीत गुप्ता सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।