इसी तरह उसके परिजनों को सप्ताह में एक बार मुलाकात की अनुमति है। लेकिन, शोएब ने अधिवक्ता मुलाकात के समय संबंधित अधिकारियों द्वारा मना किए जाने के बावजूद जबरन प्रवेश किया। जिससे जेल के सुरक्षा और संचालन व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न हुआ। इस मामले की उप जेल अधीक्षक एमएन प्रधान ने जांच कर रिपोर्ट के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया है। बताया जाता है कि अनवर ढेबर से मुलाकात करने के लिए उनके अधिवक्ता जेल में गए थे। इस दौरान मना करने और नियमावली की जानकारी देने के बाद भी मुलाकाती कक्ष में जबरदस्ती पहुंच गया था। जिसे बाद में बाहर निकाला गया।
जेल नियमों का हवाला
सेंट्रल जेल अधीक्षक रायपुर द्वारा जारी आदेश में जेल नियमावली के नियम 690 का हवाला दिया गया है। इसमें बताया गया है कि जेल परिसर की सुरक्षा एवं अनुशासन बनाए रखने के लिए ऐसे कृत्यों को गंभीरता से लिया गया है। ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति को रोका जा सकें।