बताया जा रहा है कि गांव के पास स्थित एक ईंट भट्टा के नजदीक खेत तैयार करने के लिए जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदा गया था, जिसमें बारिश का पानी भर गया था। मासूम बच्चे मंगलवार की शाम खेलते-खेलते उसी ओर पहुंच गए और गहरे पानी में डूब गए। परिजनों ने बच्चों को रातभर ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार सुबह ग्रामीणों को बच्चों के शव पानी में उतराते हुए मिले। यह दृश्य देखकर गांव वालों की आंखें नम हो गईं।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी में हैं। वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में शोक की लहर है और हर कोई इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध है।
गंभीर सवाल खड़ा कर गई यह घटना
गांव में बिना किसी चेतावनी या सुरक्षा घेरे के खोदे गए ऐसे गड्ढे अब मौत के जाल बनते जा रहे हैं। प्रशासन पर अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर ऐसे खतरनाक गड्ढों को खुला क्यों छोड़ दिया गया? ग्रामीणों ने प्रशासन से इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
यह हादसा न केवल एक परिवार की खुशियों को निगल गया, बल्कि पूरे गांव को गमगीन कर गया है।