सड़क पूरी तरह से जलमग्न
महाकुंभ के लिए बनी 15 किमी लंबी रिवर फ्रंट सड़क भी पूरी तरह जलमग्न हो गई है। गंगा का पानी एक बार फिर लेटे हुए हनुमान मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच चुका है। वहीं, दशाश्वमेध घाट और नागवासुकी मंदिर के प्रवेश द्वार भी डूब गए हैं।
इन जिलों में भारी बारिश की संभावना
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 31 जुलाई के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा और मैनपुरी जैसे इलाकों में घने बादल छाए रहेंगे और कुछ जगहों पर बिजली गिरने की संभावना है।
88 बाढ़ चौकियां और चार राहत शिविर सक्रिय
प्रशासन ने हालात को देखते हुए 88 बाढ़ चौकियां और चार राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं। प्रयागराज के फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 81.30 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 84.734 मीटर के काफी करीब है। नैनी में यमुना भी 81.13 मीटर तक बह रही है। लखनऊ में भी बारिश का असर देखा गया, जहां बुधवार दोपहर करीब दो बजे से एक घंटे तक जोरदार बारिश हुई। वहीं जालौन में यमुना और चंबल नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से 24 से अधिक गांवों में पानी घुस चुका है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
24 साल बाद जुलाई में रिहंद बांध ओवरफ्लो
एक और चिंताजनक खबर सोनभद्र से आई, जहां 24 साल बाद जुलाई में रिहंद बांध ओवरफ्लो हो गया है। प्रशासन ने स्थिति को संभालते हुए बांध का एक गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी है। यह बांध उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बांध माना जाता है। इस बीच BHU के मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मानसूनी ट्रफ लाइन उत्तर की ओर शिफ्ट हो चुकी है, जिससे दक्षिणी यूपी में बारिश थोड़ी कम हो सकती है। हालांकि, अगले तीन दिनों तक तराई के इलाकों में मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। फिलहाल प्रशासन सतर्क है, लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश के कई जिले बाढ़ के प्रभाव में आ चुके हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।