प्रशासन का यह कदम जिले में मत्स्य संसाधनों के संरक्षण और विकास की दिशा में उठाया गया है। प्रजनन काल में मछलियों को सुरक्षित रखने से आने वाले समय में उत्पादन बढ़ने की संभावना है। मौजूदा समय में प्रयागराज की नदियों से हर महीने लगभग 1400 टन मछली पकड़ी जाती है, जबकि तालाबों से 1200 टन मछलियों का उत्पादन होता है।
इस रोक की निगरानी के लिए मत्स्य विभाग ने छह टीमें गठित की हैं। इसके अलावा संबंधित नदियों के किनारे बसे गांवों में तैनात लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी और बीट सिपाहियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रयागराज क्षेत्र की नदियों में परियासी, हिल्सा, बैकरी, सूती, टेंगार और गेगरा जैसी विशेष मछलियां पाई जाती हैं, जिनकी मांग न केवल पूर्वांचल और बुंदेलखंड बल्कि बंगाल और असम तक है। यहां से बड़ी मात्रा में मछलियां देश के विभिन्न हिस्सों में भेजी जाती हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से भी खास प्रजातियों की मछलियां मंगाई जाती हैं।
एडीएम प्रशासन पूजा मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध अवधि के दौरान नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल संरक्षण नहीं, बल्कि स्थानीय मछुआ समुदाय की दीर्घकालिक आजीविका को सुनिश्चित करना भी है।