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SSC और छात्र एक बार फिर आमने-सामने, जानिए खाली पदों पर मोदी सरकार ने संसद में क्या बताया?

एसएससी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हो रही धांधली और इसमें सुधार की मांग को लेकर स्टाफ सलेक्शन कमीशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। SSC के खिलाफ छात्रों की मोर्चा बंदी में शिक्षक भी शामिल हो गए हैं। पढ़िए छात्रों की मांगे क्या हैं?

भारतAug 01, 2025 / 02:00 pm

Pushpankar Piyush

SSC के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन (फोटो: IANS)

SSC के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन (फोटो: IANS)

Students Protest: दिल्ली में छात्र एक बार फिर सड़कों पर हैं। उन्होंने SSC के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार उनके शिक्षकों (Teachers) ने भी सरकार (Government) व SSC से मोर्चा लेने की ठान ली है। गुरुवार को शिक्षक व छात्रों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। वह SSC द्वारा बरती जा रही कथित अनियमितता का विरोध कर रहे हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है कि छात्रों को अपनी मांगों को मंगवाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है। जून 2025 में कोलकाता में
राज्य स्टाफ सलेक्शन कमीशन के विरोध में लोग सड़क पर उतरे थे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नियुक्ति में घोटाला के कारण SSC भर्ती को रद्द कर दिया था। इस कारण 25 हजार से अधिक शिक्षकों की नौकरी चली गई थी। मार्च 2025, दिल्ली में छात्रों ने पेपर लीक के विरोध में स्टाफ सलेक्शन कमीशन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। छात्रों ने आरोप लगाया था कि परीक्षा में धांधली हुई थी। अप्रैल 2025 में बिहार के पटना छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। सूबे के स्टाफ सलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाते हुए छात्रों ने उत्तर कुंजी की पारदर्शी समीक्षा और शुल्क हटाने की मांग की थी। नवंबर 2024 में लखनऊ में छात्रों ने हल्ला बोला था। छात्रों ने MTS पेपर में गलत प्रश्नपत्र और परिणाम में देरी को लेकर सवाल उठाए थे।
छात्रों ने किया SSC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

रेलवे में 1.5 लाख से अधिक पद खाली

साल 2023-2024 की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार में खाली पदों की कुल संख्या 9.79 लाख है। जोकि कुल स्वीकृत पदों 40.47 लाख का लगभग एक चौथाई है। बीते साल एक RTI के जवाब में रेलवे ने बताया कि विभाग में 1.5 लाख पद खाली हैं।

सरकार ने नहीं दिया सीधा जवाब

वहीं, इस मानसून सत्र में विपक्ष ने सरकार से पूछा कि कुल 40 लाख सराकरी पदों में से कितने पद खाली हैं। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि खाली पदों और उन पर की गई नियुक्तियों का विवरण संबंधित मंत्रालयों व विभाग द्वारा रखा जाता है। खाली पदों पर भर्तियों का काम मोदी सरकार तेजी से कर रही है।

क्या है हालिया विवाद?

छात्रों ने SSC के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि पहले परीक्षा का एडमिट कार्ड 4 दिन पहले जारी किया जाता था, लेकिन इस बार परीक्षा से ठीक दो दिन पहले जारी किया गया। कानपुर के स्टूडेंट का परीक्षा केंद्र बेंगलुरु कर दिया गया। कुछ छात्रों ने कहा कि परीक्षा केंद्र पर पहुंचने पर पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई, जबकि कई छात्रों ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर सिस्टम क्रैश कर गया। कहीं सर्वर में खराबी आई। कुछ जगहों पर पर्यवेक्षकों ने अभ्यर्थियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
छात्रों ने कहा कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से ठेका वापस लेकर Eduquity को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनका आरोप है कि यह कंपनी शिक्षा विभाग द्वारा ब्लैकलिस्टेड है। इस कंपनी के खिलाफ छात्र महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका नाम व्यापाम घोटाला में भी सामने आया है। छात्रों ने कहा कि SSC आने वाले दिनों में CGL की परीक्षा भी कराने वाली है। इस परीक्षा में 30 लाख से अधिक छात्र बैठेंगे, तो यह एजेंसी कैसे परीक्षा करा पाएगी।

कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना

SSC के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन के मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस ने लिखा कि मोदी सरकार छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली है। देश के छात्र SSC परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। छात्र लगातार कह रहे हैं कि परीक्षा में घपलेबाजी हो रही है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार ही नहीं है, उल्टा छात्रों पर लाठी भांजकर उनका मुंह बंद करवाया जा रहा है। कांग्रेस छात्रों के साथ खड़ी है। हम उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे।

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