scriptदिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश से ज्यादा हो गई यूपी में ‘माननीयों’ की सैलरी | Salary of ministers and MLAs in UP has become more than Delhi, Rajasthan and Madhya Pradesh | Patrika News
Patrika Special News

दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश से ज्यादा हो गई यूपी में ‘माननीयों’ की सैलरी

यूपी में मानसूत्र सत्र के चौथे दिन गुरुवार को मंत्री और विधायकों की सैलरी में बढ़ोत्तरी की गई। इस बढ़ोत्तरी के बाद यूपी ने कई राज्यों को माननीयों की सैलरी मामले में पीछे छोड़ दिया है।

लखनऊAug 16, 2025 / 08:07 pm

Avaneesh Kumar Mishra

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्तों में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसके बाद अब यह देश के कई प्रमुख राज्यों से अधिक हो गया है। गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान योगी सरकार ने मंत्रियों के वेतन में करीब 39 फीसदी और विधायकों के वेतन में 41 फीसदी की वृद्धि की, जिसके परिणामस्वरूप अब उन्हें प्रतिमाह 2.40 लाख रुपये से अधिक की राशि मिलेगी। हालांकि, यह राशि उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य से कम है, जहां विधायकों और मंत्रियों को सांसदों के बराबर 3.25 लाख रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।

दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आगे

देश की राजधानी दिल्ली, जहां जीवन-यापन की लागत बेहद उच्च है लेकिन यहां मंत्रियों को वेतन और भत्तों के साथ मिलाकर 1.25 लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं, जबकि विधायकों की सैलरी 90,000 रुपये प्रतिमाह है। यह बढ़ोतरी फरवरी 2023 में हुई थी, जब केजरीवाल सरकार ने लंबे समय बाद वेतन संशोधन किया था। इसी तरह, राजस्थान में मंत्रियों और विधायकों को औसतन 1.51 लाख रुपये प्रतिमाह मिल रहे हैं, जो यूपी के नए वेतन ढांचे से काफी कम है। मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 1.85 लाख रुपये प्रतिमाह है, जो यूपी के नए वेतन से कम, लेकिन दिल्ली और राजस्थान से अधिक है।

उत्तराखंड में सांसदों के बराबर वेतन

उत्तराखंड में हाल ही में, फरवरी 2025 में, धामी सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन को सांसदों के स्तर तक बढ़ाकर 3.25 लाख रुपये प्रतिमाह कर दिया है। इसमें सभी भत्ते और सुविधाएं शामिल हैं। यह कदम यूपी से अलग हुए इस छोटे राज्य को वेतन के मामले में सबसे आगे लाकर खड़ा करता है, जो यूपी के नए वेतन से भी अधिक है।

16 अगस्त 2025 से लागू हो गया नया वेतनमान

यूपी में इस बढ़ोतरी के बाद मंत्रियों और विधायकों को अब मूल वेतन के साथ-साथ विभिन्न भत्तों का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी कुल आय 2.40 लाख रुपये प्रतिमाह तक पहुंच गई है। यह कदम राज्य के विधायकों की कार्यक्षमता बढ़ाने और उनके कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निभाने के लिए उठाया गया है। मंत्री और विधायकों का यह वेतनमान 16 अगस्त 2025 से लागू होगा।

उत्तराखंड से पहले तेलंगाना में था सबसे ज्यादा वेतनमान

विभिन्न राज्यों में विधायकों के वेतन में भारी अंतर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, तेलंगाना में विधायकों को 2.50 लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं, जो देश में सबसे अधिक है, जबकि उत्तराखंड ने हाल के वर्षों में अपनी सैलरी को सांसदों के बराबर कर दिया है। यूपी का नया वेतन इस संदर्भ में दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश से बेहतर है, लेकिन उत्तराखंड के साथ तुलना में कमजोर पड़ता है। यह बढ़ोतरी राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य और विधायकों की जिम्मेदारियों को संतुलित करने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश में मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्तों में हुई यह वृद्धि राज्य को कई बड़े राज्यों से आगे ले गई है, लेकिन उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के सामने यह अब भी कम है। यह कदम न केवल आर्थिक, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Hindi News / Patrika Special / दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश से ज्यादा हो गई यूपी में ‘माननीयों’ की सैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो