राजस्थान ने लगाई ऊंची छलांग… महाराष्ट्र-गुजरात को पछाड़ निवेश में बना नंबर-1, जानें कहां से हो रही धन वर्षा
Investment in Rajasthan: राजस्थान ने निवेश आकर्षण में बड़ी छलांग लगाई है। सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं ने 2.69 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर महाराष्ट्र और गुजरात को पछाड़ दिया है।
निवेश में सिरमौर बना राजस्थान (फोटो सोर्स-पत्रिका)
जयपुर। सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पंख लगा दिए हैं। ताजा आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रेल-जून) में राज्य ने 2024-25 की चौथी तिमाही की तुलना में निवेश योजनाओं में महाराष्ट्र और गुजरात को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है।
‘प्रोजेक्ट्स टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में 419 नई परियोजनाओं के जरिए कुल 2.69 लाख करोड़ का निवेश दर्ज हुआ। इनमें से लगभग 86 प्रतिशत निवेश सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में हुआ है। अकेले इस तिमाही में 130 सौर और पवन परियोजनाओं ने 2.33 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया।
महाराष्ट्र और गुजरात की स्थिति
महाराष्ट्र जहां 684 नई परियोजनाओं के साथ 2.66 लाख करोड़ रुपए पर रहा, वहीं गुजरात 459 परियोजनाओं और 2.1 लाख करोड़ रुपए के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गया। राजस्थान के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि किसी को उम्मीद नहीं थी कि राजस्थान में इतनी तेजी से निवेश बढ़ सकता है।
चौथे से पहले स्थान तक का सफर
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में देश में महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक के बाद 283 प्रोजेक्ट के साथ निवेश में 8.29 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ राजस्थान चौथे स्थान पर था। लेकिन 2025-26 की पहली तिमाही में 419 प्रोजेक्ट में 2.69 लाख करोड़ निवेश के साथ इसका हिस्सा दोगुना होकर 15.47 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
कृषि से नवीकरणीय ऊर्जा तक बड़ी छलांग
राजस्थान की अर्थव्यवस्था अब केवल कृषि, खनन और पर्यटन तक सीमित नहीं रही। बीते चार वर्ष में विकास दर औसतन 8 प्रतिशत से बढ़ रही है। कोविड काल में भी जब राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था 5.8 प्रतिशत तक सिकुड़ी, तब भी राज्य की गिरावट केवल 1.82 प्रतिशत रही। अब सरकार की नई योजनाओं के चलते यह नवीकरणीय ऊर्जा, सीमेंट, क्रूड ऑयल और खनन जैसे क्षेत्रों में यह निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
राजस्थान निवेश संवर्धन योजना (रिप्स), 2024 ने निवेश आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई। यह योजना अंतरराष्ट्रीय निवेश को भी प्रोत्साहन देती है। बिहार को छोड़ दें तो बीमारू तमगे वाले राज्यों में राजस्थान के साथ ही अन्य दो राज्य भी निवेश रैंकिंग में आगे बढ़ रहे हैं।
सरकारी योजनाओं से बढ़ा विश्वास
अभी तक राजस्थान सौर ऊर्जा के उत्पादन में देश में शीर्ष पर था, लेकिन सौर परियोजनाओं में निवेश के पायदान पर पीछे था, लेकिन ताजा निवेश के आंकड़े बता रहे हैं कि अब राजस्थान सौर ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश भी तेजी से बढ़ रहा है। यानी राजस्थान सरकार की ज्यादातर योजनाओं में निवेशकों का विश्वास जताना प्रदेश के सोलर सेक्टर के लिए शुभ संकेत हैं। -अरविंद सिंधावा, अध्यक्ष, भारत सोलर संगठन
सोलर कंपोनेंट निर्माण में भी आगे
राजस्थान में सौर परियोजनाओं में निवेशकों की रुचि बढ़ने से यहां राइजिंग राजस्थान के माध्यम से हुए 80 प्रतिशत एमओयू को धरातल पर लाने में मदद मिलेगी, यदि सरकार सौर परियोजनाओं के साथ प्रदेश में सोलर आधारित एमएसएमई को भी प्रोत्साहित करे तो यहां राजस्थान सोलर कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर विकसित हो सकता है। वर्तमान में भी कई कंपनियां इस सेक्टर में लगातार निवेश बढ़ा रही हैं। -जितेंद्र गोयल, संयोजक, हरित भारत अभियान
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