चार बार सांसद और एक बार विधायक रहे कर्नल सोनाराम
कर्नल सोनाराम चार बार सांसद और एक बार विधायक रहे। उन्हें पश्चिमी
राजस्थान के कद्दावर नेताओं में माना जाता था। जानकारी के अनुसार दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रात 11 बजे बाद उपचार के दौरान निधन हो गया।
मोहनगढ़, जैसलमेर आज होगा अंतिम संस्कार
गुरुवार को एयर एंबुलेंस से उनकी पार्थिव देह को बाड़मेर लाया जाएगा। वहां से बाड़मेर स्थित उनके निवास स्थान पर दर्शनार्थ के लिए पार्थिव देह को रखा जाएगा। इसके बाद पार्थिव देह को मोहनगढ़, जैसलमेर ले जाया जाएगा। वहीं पर अंतिम संस्कार होगा।
कर्नल सोनाराम का इतिहास
कर्नल सोनाराम जाट समाज के बड़े नेता थे। राजस्थान की राजनीति में जाना-पहचाना नाम था। उनका जन्म 31 मार्च 1945 को हुआ था। इंडियन मिलिट्री अकादमी से पास आउट सोनाराम 1971 युद्ध में भी भाग लिया था। पहले कांग्रेस से राजनीति करने वाले सोनाराम 2014 में भाजपा के साथ जुड़ गए थे। भाजपा के कद्दावर नेता जसवंत सिंह भाजपा का दामन छोड़ बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन मोदी लहर में सोनाराम चुनाव जीत गए थे।
साल 2023 में कमल को किया अलविदा, हाथ का पकड़ा साथ
चार बार सांसद रहने के बाद कर्नल का भाजपा से मोह भंग हो गया। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कर्नल ने एक बार फिर कांग्रेस ज्वॉइन की। 1996, 1998, 1999 और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद रहे। इसके अतिरिक्त 2008 से 2013 तक विधानसभा के सदस्य भी रहे। कर्नल 2004 में मानवेंद्रसिंह जसोल से चुनाव हार गए थे। कर्नल ने 2014 में कांग्रेस को अलविदा कर भाजपा का साथ पकड़ लिया था। 2014 में भाजपा से सांसद बने। साल 2023 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ एक बार फिर थाम लिया। उन्होंने गुड़ामलानी सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।